बक्सर । जिले के नावानगर प्रखंड अंतर्गत बेलांव पंचायत के ठोरा नदी पर करीब सात करोड़ रुपये की लागत से बना पुल आज भी मुख्य सड़क से नहीं जुड़ पाया है, जिससे स्थानीय लोगों सहित रोहतास और कैमूर जिलों के कई ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पुल के पश्चिम छोर पर पहुंच पथ का निर्माण जमीन अधिग्रहण के अभाव में रुका हुआ है। इसको लेकर बेलांव गांव के ग्रामीणों ने बक्सर जिलाधिकारी को आवेदन पत्र सौंपा है। ग्रामीणों ने अपनी निजी रैयती जमीन सरकार को देने की सहमति जताई है, ताकि पुल का संपर्क पथ बन सके।
ग्रामीणों ने बताया कि ठोरा नदी पर पुल का निर्माण लगभग दस वर्ष पूर्व किया गया था लेकिन, आज तक यह पुल पक्की सड़क से नहीं जुड़ सका है। पहुंच मार्ग के निर्माण में बाधा बनने वाली रैयती भूमि गांव के बिहारी लाल, बेचन यादव उर्फ राजेंद्र यादव और रामजी यादव की है, जिनका कहना है कि वे सरकारी अधिग्रहण के लिए अपनी जमीन देने को तैयार हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, यदि उक्त जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाए, तो संपर्क मार्ग का निर्माण संभव हो जाएगा और यह पुल स्थानीय निवासियों के लिए उपयोगी बन सकेगा। इससे न केवल बक्सर के विभिन्न गांवों को राहत मिलेगी, बल्कि रोहतास जिले के गांवों तक की दूरी भी कम हो जाएगी।
इस संबंध में बेलांव, बसमनपुर और घुनसारी गांवों के लोगों ने एकजुट होकर मुखिया अजय पांडेय के नेतृत्व में पुल के पास धरना प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को सामूहिक हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि संपर्क पथ के अभाव में यह करोड़ों की लागत से बना पुल एक ‘सफेद हाथी’ बन गया है, जिसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है।
मौके पर रामजी शर्मा, मनोज कुमार, अप्पू लाल, रामधार पासवान, अरुण कुमार, शिवजी सिंह, कमलेश पाल, हरिहर प्रसाद, मनोज श्रीवास्तव, नीतीश कुमार, अखलाख अंसारी, मुकेश कुमार, टाइगर सिंह, विजय सिंह, विपुल ठाकुर सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द जमीन का अधिग्रहण कर पहुंच पथ निर्माण शुरू कराने की मांग की है, ताकि वर्षों से अधूरी यह परियोजना पूरी हो सके और जनसुविधा का मार्ग प्रशस्त हो।
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