बक्सर । रविवार को दुनियाभर में धूमधाम से मदर्स डे मनाया गया। इस कड़ी में बक्सर जिला के चीनी मिल मोहल्ला के SKF परिसर में स्थित मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के जिला कार्यालय पर भी प्रसिद्ध चिकित्सक सह ह्यूमन राइट्स के प्रदेश सचिव डॉ दिलशाद आलम के द्वारा हर्षोल्लास के साथ विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हुए मातृ दिवस मनाया गया। उन्होंने कहा कि मां... ये सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक एहसास है। डॉ दिलशाद ने कहा कि संतान चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए, अपनी मां के लिए वो छोटा सा बच्चा ही होता है। ऐसे में बच्चों को भी चाहिए कि वे अपनी मां को प्यार और सम्मान दें।
मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के सचिव और साबित खिदमत के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर दिलशाद आलम ने कहा कि इस युग में मां जैसा कोई नहीं जिसका प्रेम निस्वार्थ है। इस दौरान उन्होंने भारत माँ के वीर सपूतों को भी श्रद्धांजलि दी जो युद्ध में अपनी जाने गंवाई। उन्होंने कहा कि दुआ मां की निकल जाए तो फौरन अर्श पर जाए रगड़ दे यदि बच्चा तो वहां ज़मजम निकल जाए।
इस युग में वृद्ध आश्रम में रहने वाले मां बाप कितने बेबस और लाचार हैं जिनके बच्चे विदेश में रहते हैं ऐसे में सुधार की जरूरत है। वही प्रसिद्ध शायर साबित रोहतस्वी ने कहा कि मां शब्द और मां का प्यार अमर है जिसे दुनिया की ताकत फीकी पड़ जाती है। कितनी भी परेशानी हो बस मां ही है जो दुआ देकर बचा लेती है। कार्यक्रम का विधिवत शुरुआत केक काट कर किया गया और मां पर विशेष चर्चा की गई। कार्यक्रम में डॉक्टर दिलशाद के अलावे मशहूर उद्घोषक साबित रोहतासवी, डॉक्टर खालिद राजा, नसीम अहमद , हामिद रजा ,अधिवक्ता निखत राम ,राज सिंह, रौशन कुमार, इम्तियाज अंसारी ,सोनम कुमारी सहित कई लोग मौजूद थे।
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