बक्सर । नगर के महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय बक्सर में स्नातक सत्र (2024-28) आंतरिक परीक्षा के नाम पर तीन सौ रुपये की विलम्ब शुल्क लिए जाने को अवैध बताते हुए विद्यार्थी परिषद ने उसका जमकर विरोध किया और उसके कार्यकर्ता कॉलेज में शैक्षणिक गतिविधियां ठप कराने पहुंच गए. कॉलेज में बनी अफरातफरी के माहौल में प्रभारी प्राचार्य डॉ सुभाष चंद्र पाठक के निर्देश पर विद्यालय प्रबंधन के द्वारा नोटिस निकालकर विलम्ब शुल्क वापस लिए जाने का निर्देश दे दिया गया. प्रभारी प्राचार्य ने इसे विद्यार्थियों में अनुशासन लाने के लिए उठाया गया कदम बताया, जबकि विद्यार्थी परिषद के नेताओं ने यह कहा कि विश्वविद्यालय से इस तरह की वसूली का कोई निर्देश नहीं था.
विद्यार्थी परिषद के द्वारा आयोजित विरोध कार्यक्रम की अध्यक्षता काॅलेज अध्यक्ष अमरेंद्र मिश्रा ने किया और संचालन उपाध्यक्ष वंदिता कुमारी ने किया. मौके पर उपस्थित जिला संयोजक अविनाश पाण्डेय ने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन की इस रवैया के खिलाफ विद्यार्थी परिषद विरोध कर रहा है यह वसूली विलंब शुल्क के नाम पर की जा रही जबकि विश्वविद्यालय से ऐसा कोई आदेश नहीं जारी हुआ है.
नगर मंत्री अभिनंदन मिश्रा ने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन चाहता है कि गांव, गरीब, किसान मजदूर, दलिल शोषित और वंचित समाज का बच्चा उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रहे इसके लिए ही साजिश के तहत ये तुगलगी फरमान जारी किए गए है. ये शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना है. विद्यार्थी परिषद इसकी तीव्र निंदा करती है. वहीं प्रदेश कार्यकारणी सदस्य मनिष सिंह ने कहा कि महाविद्यालय इस तुगलगी फरमान को जल्द वापस करे नहीं तो परिषद उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी और उसकी पूरी जवाबदेही महाविद्यालय प्रशासन की होगी.
विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में काॅलेज उपाध्यक्ष राहुल वर्मा, जिला सह संयोजक प्रियांशु शुभम, विराज सिंह, पूजा मिश्रा, पूनम सिंह, अभिषेक गुप्ता, हिमांशु कश्यप, अंकित सिंह, आदित्य गुप्ता, आदित्य कुमार, उज्जवल चौबे, विशाल कुमार, अंकुर कुमार आदि मौजूद रहे.
प्रभारी प्राचार्य डॉ सुभाष चंद्र पाठक के द्वारा विद्यार्थी परिषद के विरोध का हवाला देते हुए महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय की वेबसाइट पर गुरुवार की दोपहर में ही एक सूचना प्रकाशित कराई गई, जिसमें यह लिखा हुआ था कि आंतरिक परीक्षा में विलंब शुल्क लिए जाने का निर्देश अब रद्द कर दिया गया है. जिन विद्यार्थियों ने विलंब शुल्क जमा किया है वह रसीद के साथ 16 दिसंबर तक काउंटर पर पहुंचकर अपने पैसे वापस पा सकते हैं.
इस सम्बंध में प्राचार्य डॉ सुभाष चंद्र पाठक ने कहा कि यह कदम छात्र हित में उठाया गया था. महाविद्यालय का यह निर्देश था कि 5 से 10 दिसंबर तक आंतरिक परीक्षा ले लेनी है. अगर उनके अंक अपलोड नहीं हुए तो एडमिट कार्ड इश्यू नहीं होगा. ऐसे में सभी विभागों के विभागाध्यक्षों से वार्ता करने के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि छात्रों से विलम्ब शुल्क लिया जाए ताकि भविष्य में वह इस तरह की गलती ना करें. हालांकि यह भी तय किया गया था कि इस शुल्क को आगामी शैक्षणिक शुल्क में समायोजित कर लिया जाएगा. विद्यार्थी परिषद के विरोध के बाद शुल्क वापसी का आदेश दे दिया गया है.
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