बक्सर । रविवार को डॉ श्याम जी मिश्रा की अध्यक्षता में एक श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन हुआ जिसमें महर्षि विश्वामित्र कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ कामेश्वर सिंह को याद किया गया. सबसे पहले स्व. डॉ कामेश्वर सिंह के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें लोगों ने नमन किया.
इस सम्बंध में डॉ आशुतोष सिंह ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि प्रो. कामेश्वर सिंह मूल रूप से रोहतास जिले के करहगर थाना क्षेत्र के गोरी गाँव के निवासी थे. सन 1973 में इतिहास विभाग के प्रोफेसर के तौर पर बक्सर के महर्षि विश्वामित्र कॉलेज में नियुक्ति हुई थी.
इसके बाद वे वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में इतिहास के विभागाध्यक्ष बनें. वही अपनी दूरदर्शिता एवं वाक्पटुता के चलते उन्होंने शिक्षा विभाग में काफी प्रसिद्धि प्राप्त की थी. कहा जाता है कि उनकी विद्वता के कारण शाहाबाद तथा मगध क्षेत्र के कुलपति और प्रोफेसर उनसे काफी प्रभावित रहते थे.
इसके बाद वे वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में इतिहास के विभागाध्यक्ष बनें. वही अपनी दूरदर्शिता एवं वाक्पटुता के चलते उन्होंने शिक्षा विभाग में काफी प्रसिद्धि प्राप्त की थी. कहा जाता है कि उनकी विद्वता के कारण शाहाबाद तथा मगध क्षेत्र के कुलपति और प्रोफेसर उनसे काफी प्रभावित रहते थे.
डॉ कामेश्वर सिंह अपने निर्देशन में सैकड़ों प्रधानाध्यापक को पीएचडी की उपाधि से सुशोभित किया था. डॉ आशुतोष सिंह ने बताया कि श्रद्धाजंलि सभा में अनेक विद्वानों ने उनके कर्तव्यों एवं वक्तव्यों की प्रशंसा की. इस मौके पर डॉ रंगनाथ तिवारी, डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह, डॉ आशुतोष सिंह,डॉ परमहंस सिंह,समाजसेवी योगेंद्र सिंह,प्रो. सुदेश्वर सिंह,डॉ त्रिलोकीनाथ पान्डेय, प्रो. परमात्मा पाठक,प्रो. शिवजी पान्डेय,हरिद्वार तिवारी, सियाराम सिंह,जितेंद्र मिश्रा सहित अन्य कई प्रबुद्ध जनों ने मौन रहकर पुण्य आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
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