बक्सर । कांग्रेस की दोगली नीति एवं कथनी और करनी में अंतर होने की वजह से केंद्र की सत्ता से और ज्यादातर राज्यों में हार का सामना करना पड़ा। वही पिछले दस वर्षों से बीजेपी की सरकार भी जातिवादी एवं पूंजीवादी राजनीति तथा कार्य प्रणाली आदि से तथा उनकी कथनी व करनी में भी काफी अंतर दिख रहा है। जिसकी वजह से इस बार यह पार्टी भी यानी कि भारतीय जनता पार्टी भी केंद्र के सत्ता में आसानी से वापस आने वाली नहीं है। हालांकि यदि वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ हुई तो कुछ कहा नहीं जा सकता उक्त बातें गुरुवार को बक्सर आईटीआई मैदान में बहुजन समाज पार्टी की चुनावी जनसभा के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कही। बसपा के अनिल कुमार के साथ सासाराम और काराकाट के प्रत्याशियों को जिताने का मायावती ने किया अपील।
उन्होंने कहा कि बसपा किसी पार्टी के साथ मिलकर नहीं बल्कि अकेले ही अपनी पार्टी के बलबूते पर पूरी तैयारी के साथ यह चुनाव लड़ रही है। इसके साथ ही हमने टिकट बंटवारे के मामले में भी सर्व समाज के लोगों को उसी अनुपात में ही उन्हें उचित भागीदारी भी दी जिसको कामयाब बनाने के लिए पार्टी के लोग पूरे की जान से लगें तथा बक्सर से अनिल कुमार के साथ-साथ सासाराम एवं काराकाट के प्रत्याशियों को विजयी बनाएं। जनसभा में उपस्थित लोगों से कहा की आपके जबरदस्त जोश को भी देखकर अब मुझे भी यह काफी हद तक भरोसा हो गया है कि आप लोग इस चुनाव में यहां तथा अपने प्रदेश से अपनी पार्टी का बेहतर रिजल्ट जरूर देंगे।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आजादी के बाद शुरू में केंद्र व देश के अधिकांश राज्यों में भी ज्यादातर सत्ता कांग्रेस पार्टी के हाथों में केंद्रित रही, किंतु दलित आदिवासियों को केंद्र के साथ ही कई राज्यों की भी सत्ता से बाहर होना पड़ा। ऐसे में उनकी सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए हमें बीएसपी को बनाने की जरूरत पड़ी। अंग्रेजों के जाने के बाद आजाद भारत में जब केंद्र में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनी तो उस समय बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर आजाद भारत की पहली सरकार में लॉ मिनिस्टर बने थे। उन्होंने उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा पार्टी के लोगों को यह कहा था कि ऐसे वर्ग के लोग जिन्हें जिंदगी के हर पहलू में आगे बढ़ाने के लिये सरकारी नौकरियों में जो आरक्षण की सुविधा दी गई है उसका पूरा लाभ इन वर्गों को नहीं मिल पा रहा है। इसलिए केंद्र की सरकार को इनको सख्त कदम उठाने चाहिए. हिंदू कोड बिल के जरिए वह यह चाहते थे कि इस देश की महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर बराबर का हक मिले। आज भी कांग्रेस बीजेपी एंड कंपनी के लोग नहीं चाहते हैं कि इन वर्गों के लोगों को भारतीय संविधान के मुताबिक आगे बढ़ने का मौका मिले।
बहन मायावती ने कहा कि बसपा को छोड़कर सभी पार्टियों के लोगों ने संगठन चलाने आदि के लिए कई धन्ना सेठों सेठों से अरबो रुपए का चंदा लिया, जिसका सुप्रीम कोर्ट के द्वारा खुलासा किया गया लेकिन बहुजन समाज पार्टी मेंबरशिप के जरिए, जन्मदिन के मौके पर थोड़ा-थोड़ा धन इकट्ठा करके अथवा चुनाव के मौके पर कार्यकर्ताओं से थोड़ा-थोड़ा धन लेकर चलाई जाती है। उन्होंने कहा कि हम चुनाव के दौरान कोई घोषणा पत्र नहीं जारी करते लेकिन फिर भी बगैर किसी घोषणा पत्र को जारी किए हम चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता में रहे।
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