बक्सर । ब्रह्मपुर प्रखंड के रघुनाथपुर तुलसी आश्रम स्थित राम जानकी मंदिर में 5100 दीपों से राममंदिर, जय श्रीराम एवं अन्य प्रतिकृति बनाकर भव्य दीपोत्सव मनाया गया. पूरे मंदिर परिसर एवं तालाब के चारों ओर रंगोली और जगमगा रहे दीये दीपावली की अनुभूति करा रहे थे. पूरा मंदिर परिसर अयोध्या की तरह जगमग हो रहा था. दीपोत्सव के बाद पंडित गोपी मिश्रा द्वारा रामलला के बालरूप की महाआरती की गयी, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों के साथ हजारों की संख्या में क्षेत्र के लोग भी शामिल हुए, दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रमुख रूप से दक्षिण बिहार गंगा समग्र के संयोजक शंभू पांडे, दक्षिण बिहार पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रमुख रमेश पांडे सुदामा, बक्सर आरपीएफ इंस्पेक्टर दीपक कुमार, ब्रह्मपुर थाना प्रभारी रंजीत कुमार,रवि मिश्र, सुशील उपाध्याय, अधिवक्ता रोहित पाठक, रेल यात्री समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर सिंह, नित्यानंद ओझा, आशीष रंजन ठाकुर, शिव शभू पांडे, शंभू चंद्रवंशी, मनीष पांडे आदि लोग शामिल थे. इस दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी की गयी. अभिनंदन ओझा और विशाल राज ने 'राम आयेंगे, तो अंगना सजायेंगे' जैसे भक्ति गीतों से समा बांध दिया व युवा झूम उठे. बीच बीच में जय श्री राम के नारों से पूरा माहौल राममय हो गया था.
आयोजन समिति से जुड़े शैलेश ओझा ने बताया अयोध्या के बाद रघुनाथपुर तुलसी आश्रम दूसरी जगह है जहां रामलला के उसी प्रतिकृति की आरती की गई जिसकी प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या के राममंदिर में की गई है। प्रभु श्रीराम का रघुनाथपुर से गहरा नाता है। त्रेता युग में रघुनाथपुर, बक्सर वन क्षेत्र का अंग था। बक्सर प्रभु श्रीराम की शिक्षास्थली रही है और उनके चरण रघुनाथपुर वन क्षेत्र में भी पड़े थे। महर्षि विश्वामित्र ने उन्हें शिक्षा देकर उनके जीवन चरित्र का निर्माण किया था जिस से वो राजकुमार राम से मर्यादा पुरुषोत्तम राम बने। संत तुलसी दास ने रामचरित मानस के माध्यम से उनके जीवन चरित, शील गुण को जन जन तक पहुंचाया। मानस के कुछ अंश की रचना उन्होंने अपने रघुनाथपुर प्रवास के दौरान की थी। रघुनाथपुर का नामकरण भी उन्होंने अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के नाम पर किया था। इसलिए अयोध्या में राम लला के प्राणप्रतिष्ठा को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण तुलसी आश्रम पर बड़े बड़े पैनलों के माध्यम से किया गया। जैसे ही प्राण प्रतिष्ठा हुई जय श्रीराम जय जी श्रीराम के नारों से पूरा आसमान गूंज उठा और पूरा माहौल राममय हो गया।
रामोत्सव को लेकर ग्रामीणों में बहुत ही उत्साह रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में यहां के युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिसमे आयोजन समिति से जुड़े संतोष सिंह, विशाल सिंह, पिंटू कुमार, रामजी प्रसाद, सन्नू कुमार, मनीष पाल, सनोज मास्टर, विकास केशरी, गुड्डू पांडे, रविंद्र चौधरी, शिवशंकर साह मुरारी पाल, आनंद शर्मा, संतोष पांडे, रविरंजन पाल, बीतेसर, बिट्टू, शुभम, अनीश आदि लोग थे।
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