- जिलाधिकारी के जनता दरबार में बेटी के इलाज के लिए मदद लेने पहुंचे थे शिव जी
- रुपए नहीं होने पर आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने की लगाई थी गुहार
बक्सर | राज्य सरकार की पहल अब शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों का गंभीर से गंभीर इलाज भी संभव है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गंभीर बीमारियों व समस्याओं से पीड़ित बच्चों को इलाज कराया जाता है। इन्हीं योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना। इसके माध्यम से गरीब व जरूरमंद परिवारों के बच्चों के दिल का मुफ्त में इलाज किया जा रहा है। हाल ही में जिले के इटाढ़ी प्रखंड के स्थानीय गांव के निवासी शिवजी जायसवाल की बेटी शालू के जन्मजात दिल की बीमारी का इलाज व सफल ऑपरेशन कराया गया। ऑपरेशन के बाद अब शिवजी का पूरा परिवार काफी खुश है। उन्होंने सराकर की इस योजना की काफी सराहना की। कहा कि यदि सरकार ने इस योजना को नहीं शुरू किया, होता तो उनकी बेटी के दिल की बीमारी का इलाज नहीं हो पाता। आज बेटी के नि:शुल्क इलाज और ऑपरेशन के कारण उनको काफी संबल प्राप्त हुआ है।
डीएम के निर्देश पर आरबीएसके के डीसी ने किया संपर्क :
शिवजी जायसवाल ने बताया कि उनकी बेटी जन्म से ही काफी कमजोर थी। अक्सर उसे सर्दी खांसी हो जाती थी। कोरोना काल में दो साल पहले उसे निमोनिया हुआ। जो ठीक ही नहीं हो रहा था। चिकित्सकों की सलाह पर उन्होंने अपनी बेटी को बनारस में दिखाया, जहां जन्मजात दिल की बीमारी का पता चला। उसके बाद वो बेटी को लेकर सीएमसी वेल्लोर लेकर गए। लेकिन कोरोना के कारण उस समय इलाज नहीं हो सका। जिसके बाद वो वापस लौट आए। इधर बेटी की तबियत खराब रहने के कारण वो इधर उधर भटकते रहे। रुपए नहीं होने के कारण वो बेटी का ऑपरेशन नहीं करा पा रहे थे। इस बीच कुछ दिनों पहले इटाढ़ी में जनता दरबार लगाया गया था। जिसमें जिलाधिकारी अमन समीर भी आए थे। शिवजी ने जनता दरबार में आयुष्मान भारत कार्ड बनाने की गुहार लगाई और बेटी की समस्या से जिलाधिकारी को अवगत कराया। जिलाधिकारी ने तत्काल सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ को स्थिति से अवगत कराते हुए उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया। सिविल सर्जन ने आरबीएसके के जिला समन्वय डॉ. विकास कुमार को जनता दरबार में बुला उनसे संपर्क कराया।
आरबीएसके के माध्यम से हुआ शालू का ऑपरेशन :
डॉ. विकास कुमार बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर अगले ही दिन शालू को जांच के लिए एम्बुलेंस से पटना आईजीआईसी भेजा गया। जहां चिकित्सकों ने उसकी जांच कर कहा कि शालू का ऑपरेशन वहां नहीं हो पाएगा। इसके लिए उन्हें अहमदाबाद जाना पड़ेगा। इस बीच इटाढ़ी पीएचसी के आरबीएसके के डॉ. कमल कुमार बीच बीच में शालू की जांच कर स्थिति का अवलोकन करते रहे। बीते सप्ताह शालू को ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा। जहां उसके दिल का सफल ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन कराने के बाद आज शालू पूरी तरह से स्वास्थ्य है। डॉ. विकास ने कहा कि शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों की गंभीर बीमारियों के लिए सरकार द्वारा आरबीएसके से इलाज कराया जाता है। यदि इस उम्र वर्ग के जिले के किसी भी बच्चे को गंभीर बीमारी है, तो वो उनके नंबर 9304050912 पर संपर्क कर सकते हैं। जिसके बाद आरबीएसके की टीम उनके घर या नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर बच्चे की जांच करेगी और इलाज कराएगी।
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