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लगातार जन जागरूकता से जिले में पुरुष नसबंदी को मिल रहा है बढ़ावा




-पिछले 11 महीनों में 185 पुरुषों ने करायी नसबंदी

सासाराम । जनसंख्या नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा स्थाई परिवार नियोजन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए लगातार परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन कर स्थाई परिवार नियोजन को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं इस दौरन पुरुष नसबंदी पर ज्यादा बल दिया जा रहा है।   चिकित्सकों की मानें तो महिला बंध्याकरण की  अपेक्षा पुरुष नसबंदी ज्यादा आसान और सरल है।  इसलिए नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए पुरुषों को प्रेरित किया जा रहा है। सरकार द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चला कर पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के साथ  नसबंदी को लेकर पुरुषों में फैले भ्रम को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है ।  इसमें थोड़ी बहुत सफलता भी मिल रही है। पुरुष नसबंदी को लेकर रोहतास जिले में भी लगातार अभियान चलाया जा रहा है । इस दौरान   पुरुष नसबंदी पर भी अधिक बल दिया जा रहा  और इसमें जिले को सफलता भी मिल रही है। जिसमे स्वास्थ्य विभाग में कर्यरत बीसीएम, बीएचएम, आशा, ब्लॉक परामर्शदाता के साथ साथ सहयोगी संस्थायों की अहम भूमिका देखी जा रही है।
पिछले 11 महीनों में 185 पुरुषों ने करायी  नसबंदी--
रोहतास जिले में पुरुष नसबंदी को लेकर चलाए जा रहा  अभियान रंग लाता दिखाई दे रहा है| परिवार नियोजन से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों की वजह से जिले में पुरुष , नसबंदी के लिए आगे आ रहे और अपनी  नसबंदी करा कर अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं| जिला   स्वास्थ्य समिति  से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 11 महीनों में जहां अस्थाई परिवार नियोजन के तहत 2902 महिलाओं  ने बंध्याकरण करवाया तो 185 पुरुषों ने अपनी  नसबंदी करवा  कर पुरुषों के बीच नसबंदी को लेकर सकारात्मक संदेश दिया। जनवरी महीने में कुल 25 पुरुषों ने नसबंदी करवायी  जबकि फरवरी में 12, मार्च में 8, अप्रैल में 6, मई में 17, जून में 13, जुलाई में 33, अगस्त में 10, सिंतबर में 30 अक्टूबर में 8 एवं नवंबर में कुल 23 पुरुषों ने नसबंदी करायी  है।
पुरुषों को आना होगा आगे-
सासाराम सदर अस्पताल में कार्यरत परिवार नियोजन परामर्शदात्री रुचि कुमारी ने कहा कि पुरुष नसबंदी को लेकर पुरुषों में जो भ्रम फैला है उसे खत्म करने का लगातार प्रयास किया जा रहा । इसके लिए पति- पत्नी दोनों को एक साथ परामर्श दे कर बताया जाता है कि  नसबंदी कितना आसान है। उन्होंने कहा कि महिला बंध्याकरण में महिलाओं को कई ससमस्यों से गुजरना पड़ता है।  इसलिए अब स्थाई परिवार नियोजन में पुरुषों को आगे आना होगा।
नसबंदी को ले खत्म हो रहा है भ्रम-
एफआरएचएस इंडिया के जिला समन्वयक ने बताया कि नसबंदी को लेकर पुरुषों में बैठा भ्रम अब धीरे धीरे खत्म हो रहा है। उन्होंने बताया कि नसबंदी को लेकर लगातार पुरुष एवं माहिलाओं को इसके बारे में विस्तृत जनकारी दी जा रही है कि नसबंदी कितना सरल और सुरक्षित है।  जिसका परिणाम यह हो रहा है कि प्रत्येक माह एक दर्जन से अधिक पुरुष नसबंदी के लिए आगे आ रहे  हैं ।



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