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शरीर में नुकसानदायक बीमारियों की शुरुआत के पीछे तंबाकू का सेवन ही मुख्य कारण : डॉ. सांक्रीत- doctor-sankrit




- आदर्श हाई स्कूल, चौसा में कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
- बच्चों ने भविष्य में तंबाकू का सेवन न करने और न दूसरों को करने देने की ली शपथ

बक्सर| जिला प्रशासन ने तंबाकू प्रतिबंध को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। इसके लिए जिलाधिकारी अमन समीर ने सभी प्रखंडों में सार्वजनिक स्थानों पर  तंबाकू प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, सभी स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बेचने पर प्रतिबंध लगाया है। ताकि, स्कूली बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। इस क्रम में जिला स्वास्थ्य समिति भी किशोर छात्र-छात्राओं के लिए तंबाकू निषेध अभियान चला रही है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल और अनुसंधान केंद्र (एचबीसीआरसी) व अल्केम सोसाइटी  के संयुक्त प्रयास से बच्चों को तंबाकू के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है। इस क्रम में चौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित आदर्श हाई स्कूल में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने सबसे पहले तंबाकू के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए रैली निकाली और तत्पश्चात उनकी कैंसर स्क्रीनिंग की गई। मौके पर एचबीसीआरसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वरुण सांक्रीत, गौर संचारी रोग अंतर्गत राष्ट्रीय तंबाकू निषेध कार्यक्रम की कृति पांडेय, डाटा एंट्री ऑपरेटर सोनू सिंह, जीएनम  संध्या कुमारी और पीयूष पांडेय मौजूद रहे।
तंबाकू सेवन करने से कैंसर जैसी भयंकर बीमारी की संभावना हो जाती है :
डॉ. वरुण सांक्रीत ने बच्चों को बताया, मानव के शरीर में नुकसानदायक बीमारियों की शुरुआत के पीछे तंबाकू का सेवन ही मुख्य कारण सामने आ रहा है। तंबाकू सेवन के प्रति आजकल न सिर्फ युवाओं में बल्कि स्कूली बच्चों का भी लगाव बढ़ता ही जा रहा है। तंबाकू सेवन करने से कैंसर जैसी भयंकर बीमारी हो जाती है। वहीं फेफड़ों की बीमारियां जैसे: क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान को ही माना गया है। क्रोनिक यानी लंबे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली में कैंसर होने की संभावना काफ़ी ज्यादा होती है। पूरे विश्व में कैंसर से होने वाली मृत्यु में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या अधिक है। बीड़ी, सिगरेट, खैनी, पान मसाला, पुड़िया, जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है। 
चिकित्सकीय उपचार से ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत : 
कृति पांडेय ने बताया कि तम्बाकू की लत बहुत ही खराब होती है। अगर कोई व्यक्ति इसका शिकार हो जाता है तो फिर इससे निकलना बेहद मुश्किल होता । लेकिन अगर कोई व्यक्ति इससे निकलना चाहे तो इसके लिए उन्हें चिकित्सकीय उपचार से ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। तंबाकू उत्पादों का सेवन सार्वजनिक स्थलों पर रोकने के लिए सरकार द्वारा कानून बनाया गया है। कोटपा के तहत तम्बाकू इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर लोगों को धारा 4, 5, 6 तथा 7 के तहत कानूनी कार्यवाही व आर्थिक दंड वसूला जा सकता है। उन्होंने बच्चों को तंबाकू के खिलाफ कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। साथ ही, बच्चों ने भविष्य में तंबाकू का सेवन न करने और न दूसरों को करने देने की शपथ भी ली।

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