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छह साल तक के बच्चों को स्वस्थ व पोषित बनाने व लोगों को जागरूक करने के लिए चलेगा अभियान- jila-mukhyalay




• 21-27 मार्च तक जिला मुख्यालय में सावर्जनिक स्थानों पर वृद्धि निगरानी शिविरों का होगा आयोजन
• शिविर में बच्चों की लंबाई और वजन माप कर पोषण ट्रैकर पर किया जायेगा फीड

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- कुपोषण को दूर करने व पोषण के प्रति लाभुकों को जागरूक करने के लिए सरकार योजनाओं को नित सुलभ और सुविधाजनक बना रही है। साथ ही, उक्त योजनाओं की निगरानी के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। ताकि, योजनाओं का लाभ सभी पारदर्शी तरीके से उठा सकें। इस क्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्देश पर 21 से 27 मार्च तक स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसके तहत 0-6 वर्ष के सभी बच्चों की वृद्धि निगरानी सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न सावर्जनिक स्थानों पर वृद्धि निगरानी शिविरों के आयोजन का निर्णय लिया गया है। शिविर लगा कर बच्चों की वृद्धि निगरानी की जाएगी।

सुपोषित बच्चों को किया जायेगा प्रमाणित :
एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) जिला कार्यक्रम अधिकारी तरणी कुमारी ने बताया, इस कार्यक्रम के माध्यम से चयनित स्थानों पर बच्चों की लंबाई एवं वजन को मापा जाएगा। जिसके आधार पर उनमें सुपोषित और कुपोषित बच्चों का चिन्हित किया जायेगा। जो बच्चे सुपोषित निकलेंगे उनको प्रमाणित किया जाएगा। उन्होंने कहा, स्वस्थ्य बच्चे की पहचान करते हुए उसको एवं उसके परिवार को सम्मानित करते हुए अपने बच्चे के पोषण स्तर के प्रति समुदाय में जागरूकता बढ़ाने एवं व्यवहार परिवर्तन करने की दिशा में यह कार्यक्रम प्रभावी सिद्ध होगा। वृद्धि निगरानी के माध्यम से बच्चों को न केवल कुपोषण से बचाया जा सकता है, बल्कि उम्र बढ़ने के साथ भोजना की मात्रा भी बढ़ाई जा सकती है। ताकि आपका बच्चा पूर्ण स्वस्थ रहकर आगे बढ़ सके।

मूल्यांकन में कोई भी ले सकता है हिस्सा :
राष्ट्रीय पोषण मिशन जिला समन्वयक महेंद्र कुमार ने बताया, कोरोना काल के कारण इस कार्यक्रम को स्थगित किया गया था। लेकिन, नए साल में स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। जिसका उद्येश्य 0 से 06 साल तक के पोषित बच्चों को चिन्हित कर उनमें पोषण को बनाये रखने के साथ-साथ परिवार एवं समुदाय को बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति संवेदित एवं जागरूक करना है। इस मूल्यांकन में कोई भी हिस्सा ले सकता है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभुकों को अपने रेजिटर्ड मोबाइल नंबर से पोषण ट्रेकर एप या वेब साइट (https://poshantracker.in) के माध्यम से खुद को पंजीकृत करना होगा। इस अभियान का उद्देश्य है कि शून्य से 06 साल तक के सभी बच्चों की ट्रेकिंग हो जाए, जिसके आधार उनकी काउंसिलिंग की जाएगी।





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