(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/आरा):- जिले में 6 सितंबर से 25 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान आयोजित किया जायेगा। इसके तहत 6 सितंबर से 12 सितंबर तक दंपत्ति संपर्क सप्ताह तथा 13 सितंबर से 25 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा आयोजित किया जायेगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर महिला बंध्याकरण के लिए एक एपैनेल्ड सर्जन तथा पुरुष नसबंदी सेवा सुनिश्चित करने के लिए एनएसवी सर्जन अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार बंध्याकरण तथा नसबंदी की गुणवत्तापूर्ण सेवा के तहत प्री ऑपरेटिव तथा पोस्ट ऑपरेटिव केयर के लिए मेडिकल टीम गठित कर निःशुल्क सेवा सुनिश्चित की जायेगी। अभियान के दौरान परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी पर जोर दिया जाएगा।
माइक्रो प्लान बनाकर अभियान को किया जायेगा सफल:
मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन अस्पताल एवं स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित किया जायेगा। अभियान विभिन्न चरणों में संपादित होगा। इससे पूर्व एक सितंबर से चार सितंबर तक अभियान के संचालन के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जायेगी। इसके बाद दंपति संपर्क सप्ताह, परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा, परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जायेगा। अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी अपनी अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य संबंधित विभाग के जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में यह बैठक की जायेगी। प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन कर मिशन परिवार विकास अभियान के दौरान इच्छुक तथा योग्य दंपतियों को परिवार कल्याण के अस्थाई एवं स्थाई उपाय अपनाने के लिए उत्प्रेरित किया जायेगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी एएनएम तथा आशा को पखवाड़ा संबंधित जानकारी दी जायेगी।
पुरुषों की भागीदारी पर जोर:
जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि गर्भनिरोधक सुई अंतरा सेवा की उपलब्धता अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ साथ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र तक के सभी स्वास्थ्य ईकाइयों पर होगी । सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा का आयोजन करेंगे और आमजन में जागरूकता लाने के लिए प्रचार प्रसार के अंतर्गत सही उम्र में शादी, शादी के कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर, प्रसव के पश्चात, गर्भपात पश्चात परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी उपाय, परिवार कल्याण ऑपरेशन में पुरुषों की भागीदारी पर जोर देंगे। साथ ही परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत उपलब्ध अस्थायी एवं स्थायी उपायों के बारे में भी आमजन को जागरूक किया जाएगा। बंध्याकरण/ नसबंदी से संबंधित राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार द्वारा उपलब्ध कराये गये मंध्याकरण सेवा पुस्तिका एवं ओटी रजिस्टर को पूर्ण रूप से भरा जाय। प्रत्येक लाभार्थी को संस्थान छोड़ने से पूर्व निर्देश कार्ड उपलब्ध कराया जाना एवं निर्धारित समयानुसार या प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी जाय।
गर्भपात पश्चात 90 प्रतिशत में परिवार नियोजन की मांग:
संस्थागत प्रसव पश्चात लगभग 50 प्रतिशत दम्पत्तियों एवं सुरक्षित गर्भपात पश्चात 90 प्रतिशत में परिवार नियोजन हेतु उपाय की मांग है। दोप/गर्भपात करण एवं कॉपर-टी संस्थापन पर विशेष बल देते हुये लेबर रूम में परिवार कल्याण परामर्शी एवं एएनएम व स्टाफ नर्स के माध्यम से एवं आये योग्य एवं इच्छुक महिलाओं को उत्प्रेरित करते हुये सुविधा प्रदान की जाय। साथ ही अनिवार्य रूप से आईयूसीडी रजिस्टर को भरा जाय एवं आईयूसीडी कार्ड लाभार्थी को उपलब्ध कराया जाये।
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