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मास्क को समझें सुरक्षा की ढाल , टीकाकरण के साथ जरूरी है इनका इस्तेमाल- Covid security






(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/आरा):- कोविड- 19 महामारी के मामलों में कमी लाने के लिए मास्क और कोविड सुरक्षा मानकों की भूमिका टीकाकरण से भी ज्यादा रही है। केवल कोविड संक्रमण के ही नहीं बल्कि मास्क का नियमित उपयोग अस्थमा के मरीज या ऐसे किसी व्यक्ति (जिसे बरसात में अचानक से ठन्डे मौसम के कारण निमोनिया या सर्दी-जुकाम  तुरंत हो जाने की शिकायत हो) के लिए भी बेहद आवश्यक है। विशेष रूप से बच्चों द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान कोविड नियमों के पालन करने से उनका इस प्रकार बीमारियों से बचाव हुआ है। लोगों की जागरूकता का असर अब प्रत्यक्ष रूप से नजर भी आ रहा है। केवल कोरोना मामले ही नहीं बल्कि मास्क इस्तेमाल से कई बीमारियों में भी बचाव है।
वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क अनिवार्य रूप से पहनें: 
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने कहा, कोविड- 19 से बचाव के लिए  लोगों द्वारा जिस प्रकार जागरूक होकर मास्क का उपयोग पिछले डेढ़ दो सालों से किया जा रहा है, यही कारण है संक्रमण दर अब नियंत्रित हो चला है। मास्क के उपयोग से वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से भी काफी हद तक उनका बचाव हुआ। परिणाम यह रहा कि जहां वयस्कों को सांस संबंधी परेशानियों का कम से कम सामना करना पड़ा वहीँ बच्चों पर भी कोरोना संक्रमण या निमोनिया होने की सम्भावना कम हुई ।
मास्क के इस्तेमाल के सम्बन्ध में क्या करें क्या ना करें : डब्ल्यूएचओ और सेंटर फॉर डिजीज प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ने इस तरह के मास्क के इस्तेमाल की दी  है सलाह:  
सीडीसी ने नॉन मेडिकल डिस्पोजेबल मास्क की सलाह दी है। साथ ही, लोगों से ऐसे मास्क के इस्तेमाल के लिए कहा है जो नाक व मुंह पर सही तरीके से फिट हो और वे ढ़ीले ढ़ाले बिल्कुल  भी नहीं हों। इसमें सांस लेने में परेशानी नहीं होती है|. सूती कपड़े से तैयार दो या तीन लेयर वाले मास्क बेहतर हैं।
ऐसे मास्क के इस्तेमाल नहीं करने की सलाह: 
वाल्व वाले मास्क व एक लेयर वाले मास्क
नाक व मुंह पर फिट नहीं हो पाने वाले ढ़ीले ढ़ाले मास्क
प्लास्टिक या चमड़े से तैयार मास्क जिनसे सांस लेने में परेशानी होती है.
धागों या ऊन आदि से बुने गये मास्क
स्कार्फ या मफलर का मास्क के रूप में इस्तेमाल 
व्यक्तिगत सफाई और शारीरिक दूरी अभी भी है जरूरी: 
बरसात के कारण माहौल नमीयुक्त हो गया  है।  आस-पास गंदे पानी का जमाव व मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इसलिए सफाई की आवश्यकता बढ़ गयी है। डॉ. सिन्हा ने साबुन पानी या अल्कोहल आधारित सैनिटाईजर से सैनिटाइज करने के संबंध में कहा कि जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं, उनको देखा गया है कि वे कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए भीड़ वाली जगहों में हाथों से मुंह एवं नाक ढ़कने का प्रयास करते हैं, जो गलत है। ऐसा करने से बारिस के कारण पनपे दूसरे संक्रमण से उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए नियमित सफाई पर ध्यान दें और मास्क अनिवार्य रूप से पहने। इसके साथ ही शारिरीक दूरी बनाये रखने से भी इस वर्ष कई प्रकार के बीमारियों से लोग ग्रसित होने से बचे।


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