(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले के सभी प्रखंडों में टीकाकरण अभियान जोरों पर है। एक ओर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य समिति लक्षित लोगों को टीकाकृत करने में लगी हुई है। वहीं, अब लोगों मेंभी वैक्सीन के प्रति जागरूकता देखी जा रही है। दूसरी ओर, राज्य सरकार के निर्देश पर टीकाकरण अभियान को और भी सरल व सुविधाजनक बनाने के लिए नई नई पहल की जा रही है। इस क्रम में अब जिले की सभी गर्भवती व धातृ महिलाओं को टीकाकरण के लिए जागरूक किया जा रहा है। ताकि, इन महिलाओं को भी संक्रमण के संभावित प्रभाव से बचाया जा सके। इस अभियान के तहत सदर प्रखंड में भी युद्धस्तर पर लक्षित महिलाओं को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिसका नेतृत्व सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार स्वयं कर रहे हैं । साथ ही, प्रखंड की एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं इसे मूर्त रूप दे रही हैं।
ट्रायल और लर्न पर ही आधारित रहा टीकाकरण अभियान :
डॉ. सुधीर कुमार ने बताया, टीकाकरण का पूरा अभियान ट्रायल और लर्न पर ही आधारित रहा है। कोविड-19 से बचाव के लिए कोरोना टीकाकरण संजीवनी का काम कर रहा है। पूर्व में गर्भवती व धातृ महिलाओं को कोविड-19 टीकाकरण नहीं कराने की बात कही गई थी, लेकिन शोध और विशेषज्ञों के आधार पर अब स्वास्थ्य समिति ने गर्भवती व धात्री महिलाओं का भी टीकाकरण कराने का आदेश जारी कर दिया गया है। जिसको लेकर पूरे प्रखंड में निर्धारित वर्ग की महिलाओं को टीकाकरण के लिए जागरूक और प्रेरित किया जा रहा है।
वैक्सीन लेने से पूर्व कराना होगा रजिस्ट्रेशन :
डॉ. सुधीर कुमार ने बताया, जो गर्भवती महिलाएं टीकाकरण का विकल्प चुनती हैं, वे गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय निकटतम सरकारी या निजी टीकाकरण केंद्र में कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद या निकटतम केंद्र में जाकर रजिस्ट्रेशन कराकर कोविड-19 का वैक्सीन लगवा सकती हैं। साथ ही, टीकाकरण के बाद प्रमाण पत्र रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की मदद से पोर्टल से निकाला जा सकता है। इसके लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी डालकर पोर्टल से प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाएगा।
गर्भवती महिलाओं पर कोरोना ने डाला ज्यादा असर :
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने हाल ही में एक स्टडी जारी की है। जिसके मुताबिक, कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने गर्भवती महिलाओं और हाल ही में बच्चों को जन्म दे चुकीं महिलाओं पर ज्यादा असर डाला। गंभीर लक्षण वाले केस और मृत्यु दर भी पहली लहर के मुकाबले इस लहर में ज्यादा रहे। गर्भवती और बच्चों को जन्म दे चुकीं महिलाओं के मामलों की पहली और दूसरी लहर के दौरान तुलना की गई। शोध के मुताबिक, दूसरी लहर में लक्षण वाले केस इस बार अधिक थे जो कि 28.7 फीसदी थे, जबकि पहली लहर में ये आंकड़ा 14.2 फीसदी तक था। वहीं, दूसरी लहर में मृत्यु दर 5.7 फीसदी था और पहली लहर में सिर्फ 0.7 फीसदी तक रहा था। इसलिए तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लेना अनिवार्य है।
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