(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने की दिशा में अब नयी पहल की गयी है। इसके लिए राज्य में ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम की शुरुआत हुयी है। जिसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ईसीसीई (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) विषय पर छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स एवं और एक साल का डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का होगा क्षमता वर्धन
समेकित बाल विकास परियोजना की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी तरणि कुमारी ने बताया ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम की शुरुआत से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के शैक्षणिक उन्नयन के साथ उनका क्षमता वर्धन भी होगा। ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्टिफिकेट कोर्स एवं डिप्लोमा कोर्स करने का मौका मिलेगा। जिससे उनकी सेवा प्रदायगी की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इससे बड़ा लाभ समुदाय को मिलेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की योग्यता एवं क्षमता में बढ़ोतरी होने से समाज कल्याण की अवधारणा को फलीभूत करने में मदद मिलेगी।
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय से भरे जाएंगे ऑनलाइन फॉर्म:
तरणि कुमारी ने बताया सुनंदिनी’ कार्यक्रम के तहत शुरू किए गए सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स में निबंधन/नामांकन के लिए संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय से ऑनलाइन फॉर्म भरे जाएंगे। बताते चलें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के आलोक में सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) विषय पर सर्टिफिकेट/डिप्लोमा कोर्स अनिवार्य किया गया है। बीबीओएसई से संबंधित कोर्स करने के लिए यह विशेष प्रावधान किया जा रहा है ताकि राज्य में कार्यरत सेविकाएं/सहायिकाएं यह कोर्स आसानी से कर सकें।
पंजीकरण शुल्क राज्य सरकार द्वारा होगा वहन:
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के ईसीसीई विषय पर सर्टिफिकेट/डिप्लोमा कोर्स में पंजीकरण शुल्क बीबीओएसई द्वारा 1500 रूपये प्रति लाभार्थी निर्धारित की गयी है। लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के लिए ईसीसीई विषय पर सर्टिफिकेट/डिप्लोमा कोर्स में पंजीकरण शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आगे की पढ़ाई के लिए किया जाएगा प्रेरित:
वर्तमान में आंगनबाड़ी सहायिकाओं के चयन के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8 वीं पास तथा सेविकाओं के लिए 10वीं/मैट्रिक पास अथवा समकक्ष है। बीबीओएसई के माध्यम से राज्य में कार्यरत न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता वाली इच्छुक सहायिकाओं को 10वीं/मैट्रिक तथा सेविकाओं को 12 वीं पास करने के लिए प्रेरित करेगा। इस पाठ्यक्रम में निबंधन/नामांकन के लिए संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय अध्ययन केंद्र के रूप में काम करेगा एवं संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी नोडल पदाधिकारी होंगी।
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