By- Gulshan Singh
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- लंबे अरसे बाद जिलाधिकारी अमन समीर के पहल पर सिमरी प्रखंड के गोपभरौली गाँव को मुख्य सड़क से जोड़े जाने की आस जगी थी हालांकि, ग्रामीणों का सब्र एक बार फिर से प्रशासनिक उदासीनता के कारण टूट रहा है। दरअसल,स्थानीय ग्रामीणों ने आने गाँव को मुख्य सड़क से जोड़वाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष की। इसके लिए लोगों ने शासन-प्रशासन की हर चौखट पर जाकर अपनी समस्या सुनाई लेकिन आजादी के इतने सालों बाद भी गोपभरौली गाँव पक्की सड़क से अछूता रहा।
पिछले महीने हुए बैठक का वीडियो वही पिछले महीने जिलाधिकारी अमन समीर ने इस पर संज्ञान लेते हुए डुमराँव अनुमंडलाधिकारी हरेंद्र राम के नेतृत्व में सिमरी बीडीओ,सीओ,जेई सहित कई सरकारी अधिकारियों एवं ग्रामीणों के साथ बीते 22 जून को काली मंदिर के प्रांगण में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान समस्या का समाधान के लिए एक रास्ता निकाला गया जिसमें कहा गया कि नक्शे के मुताबिक 1026 मीटर लम्बा एक सरकारी जमीन है जिसपर चकरोड का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाएगा। वही इस दौरान डुमराँव एसडीएम हरेंद्र राम ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा था कि जल्द ही सरकारी जमीन का मापी करा कर मिट्टी भराई का कार्य शुरू कराया जाएगा उसके बाद सड़क पक्कीकरण का काम पूरा किया जाएगा।
लेकिन बैठक के इतने दिनों बिट जाने के बाद वह कहावत चरितार्थ होती नजर आई कि "रात गई बात गई", बता दें कि गोपभरौली सड़क का मामला प्रशासनिक उदासीनता के कारण एक बार फिर से ठंडे बस्ते में चला गया। वही इसको लेकर निकेश पांडेय ,दीपक पांडेय ,दिलीप पाण्डेय ,मुकेश पांडेय ,अभिषेक पांडेय ,अजय पांडेय , रामकुमार यादव ,रंजीत यादव सहित कई स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के इस रवैया पर दुख जताया है। ग्रामीणों ने कहा कि हर बार उनके गांव के साथ यही होता है जबजब सड़क की मांग की जाती है जिला प्रशासन के तरफ से एक बैठक बुलाकर झूठा आश्वासन दिया जाता है।
................. ................. ............... ..............
Send us news at: buxaronlinenews@gmail.com
ख़बरें भेजें और हम पहुंचाएंगे,
आपकी खबर को सही जगह तक....
0 Comments