(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि, सरकार व स्वास्थ्य समिति परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिये अस्थायी और स्थायी साधनों पर लोगों को जागरूक कर रही है। लेकिन, नियोजन का अंतिम फैसला दंपतियों पर ही निर्भर करता है। ऐसे में गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग से अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है। अनचाहे गर्भ से जहां माताओं को बच्चों के बेहतर देखभाल में मुश्किलें आती हैं , वहीं इससे माता एवं शिशु के स्वास्थ्य प्रभावित होने के ख़तरे भी बढ़ जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विकासशील देशों में 21 करोड़ से अधिक महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती हैं, लेकिन तब भी उनके द्वारा किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग नहीं किया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए आम लोगों को गर्भनिरोधक के इस्तेमाल पर जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों व गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। जिससे अधिक से अधिक दंपति को जागरूक किया जा सके।
गर्भनिरोधक के उपयोग बढ़ाने की जरूरत :
परिवार नियोजन के बेहतर परिणाम के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं । लेकिन सरकारी प्रयासों के इतर सामुदायिक जागरूकता अभी भी कई चुनौतियां पेश करती हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार जिले में 15 साल से 49 साल तक की 33.3 प्रतिशत महिलाएं किसी ना किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग करती थी। जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार बढ़कर 44.6 प्रतिशत तक पहुंच गया। दूसरी ओर, वर्ष 2015-16 में 29.8 प्रतिशत महिलाओं ने बंध्याकरण के माध्यम से परिवार नियोजन का रास्ता चुना, जो वर्ष 2019-2020 में 35.1 प्रतिशत हो गया। जो की महिलाओं के जागरूक हाेने के कारण संभव हो सका। लेकिन, पुरुषों में स्थायी साधनों को लेकर अभी भी उदासीनता देखी जा रही है। जिसे दूर करने के लिये व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
वर्ष 2025 तक प्रजनन दर 2.1 करने का लक्ष्य:
जिला स्वास्थ्य उत्प्रेरक संतोष कुमार राय ने बताया, मिशन विकास परिवार के तहत वर्ष 2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.2 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान करने के लिए मिशन विकास परिवार के तहत कुछ विशेष सेवाओं को शामिल किया गया है। जिसमें नवीन गर्भनिरोधक साधन, अंतरा एवं छाया, सारथी वैन आदि के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता, नवदंपति के लिए नयी पहेली किट एवं सामुदायिक जागरूकता के लिए सास-बहू सम्मेलन जैसी नवीन गतिविधियों को शामिल किया गया है।
गर्भनिरोधक के फ़ायदे :
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी
- प्रजनन संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाव
- अनचाहे गर्भ से मुक्ति
- एचआईवी-एड्स संक्रमण से बचाव
- किशोरावस्था गर्भधारण में कमी
- जनसंख्या स्थिरीकरण में सहायक
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