(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले के इटाढ़ी प्रखंड स्थित शुक्रवलिया गांव के लोगों के लिये अच्छी खबर है। राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने गांव के प्रत्येक व्यक्ति में टीबी की जांच का निर्णय लिया है। इस क्रम में मंगलवार को आईसीएमआर-आरएमआरआईएमएस के सौजन्य से उपकरणों से लैस मेडिकल बस का आगमन हुआ। जिसका स्थानीय ग्रामीणों ने स्वागत किया। तत्पश्चात गांव के एक-एक व्यक्ति की जांच के लिये शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह प्रभारी एसीएमओ डॉ. नरेश कुमार ने किया। डॉ. नरेश ने स्थानीय ग्रामीणों को बताया, इस हाईटेक उपकरणों से लैस बस में वह सभी मशीन और सुविधाएं हैं जिससे ग्रामीणों में टीबी के साथ अन्य गंभीर बीमरियों की जांच की जायेगी। गांव के बच्चे से लेकर वृद्धों की जांच की जायेगी। जिसमें डिजिटल एक्स-रे, सीबी-एनएएटी मशीन, ब्लड शुगर जांच, रक्तचाप जांच और उम्र के साथ वजन और लंबाई भी मापी जायेगी। तत्पश्चात लोगों की बीमारियों का सर्वेक्षण करते हुये उनको परामर्श के साथ-साथ दवाइयां भी उपलब्ध करायी जायेंगी।
मेडिकल टीम प्रत्येक परिवार के सदस्यों का बनायेगी पीआई कार्ड :
डॉ. नरेश कुमार ने बताया, आईसीएमआर की टीम पहले गांव में घर-घर जाकर पूरे परिवार के सभी सदस्यों को पार्टी आईडेंटिफिकेशन (पीआई) कार्ड बनाकर देगी। जिसको साथ में लेकर जांच शिविर में जाना होगा। उसके बाद परिवार के सभी सदस्यों की सहमति से उन सभी जांच की जायेगी। जांच के क्रम में टीबी के लक्षण दिखने पर उनकी सीबी-नेट एवं एक्स-रे जांच की जायेगी। जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर जिला मुख्यालय स्थित यक्ष्मा केंद्र में लिस्ट तैयार कर भेजा जायेगा। लिस्ट प्राप्त होने के बाद एसटीएस व एसटीएलएस कर्मियों के द्वारा उनका बार-बार फॉलोअप किया जायेगा। साथ ही, मरीज को प्रत्येक माह 500 रुपये निक्षय पोषण योजना के तहत प्रदान किया जायेगा। जिससे वह अपने पोषण में सुधार ला सके।
ग्रामीणों की साहभागिता भी अत्यंत महत्वपूर्ण :
डॉ. नरेश कुमार ने बताया, इस मेडिकल टीम के द्वारा आठ से 10 दिनों तक शिविर लगाया जायेगा। जिसका लाभ गांव के एक-एक व्यक्ति को मिलेगा। साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों को यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक जिला समेत पूरे राज्य से टीबी का उन्मूलन करने का निर्णय लिया है। लेकिन, सरकार के मात्र निर्णय लेने से यह लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता। इसमें स्थानीय ग्रामीणों और लोगों की सहभागिता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। जिस मुस्तैदी से पटना से आई मेडिकल टीम लोगों की जांच कर रहे हैं, उसी मुस्तैदी से लोग उनका सहयोग कर अपने गांव को टीबी से मुक्त बना सकते हैं। मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्याम कुमार के साथ प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, आशा मंजू कुमारी लोगों को इसकी जानकारी दे रहे थे। वहीं, जांच टीम में प्रोजेक्ट टेक्निकल ऑफिसर मो. आरिफ व अमरेंद्र कुमार, दीन दयाल, डीईओ आशिष कुमार, फिल्ड इंविजिलेटर रौशन कुमार समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे ।
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