(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- खबर हैं जिले की ऐसी गाँव की जहाँ के लोग देश की आजादी के दशकों बीत जाने के बाद आज भी कीचड़ भरी कच्ची एवं पतली पगडंडियों पर चलने को मजबूर हैं।
जिस गाँव की हम जिक्र कर रहें हैं ये गाँव सिमरी प्रखंड क्षेत्र के 1400 आबादी वाला गोप भरौली नामक गाँव हैं जो कि जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर पर तथा प्रखंड कार्यालय से मात्र 2 किलोमीटर पर स्थित हैं. बावजूद इसके आज तक किसी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व सरकारी अधिकारियों ने ग्रामीणों की हालात जानने की कोशिश नही की।
बता दें कि सिमरी-भोजपुर मुख्य मार्ग से गोप भरौली गाँव को सड़क के माध्यम से आज तक नही जोड़ा गया. जिसके वजह से ग्रामीणों को शहर-बाजार जाने में काफी फजीहत झेलनी पड़ती हैं।
दुख की बात तो यह है कि मोदी युग के नया भारत,आधुनिक भारत में भी सरकारी बाबुओं के उदासीनता के कारण मात्र दो फिट चौड़ी कच्ची पगडंडियों पर गोप भरौली के ग्रामीण जनता चलने को मजबूर हैं।
सरकार के नुमाइंदे तथा जनप्रतिनिधियों के भाषणों में अक्सर सुना जाता हैं कि गाँवो की विकास से ही देश की विकास सम्भव हैं इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक होने की आवश्यकता हैं किन्तु, दुर्भाग्य हैं गोप भरौली वासियों का जो अपने गांव के सड़क निर्माण समस्या पर जागरूक ही नही अपितु पूरा गाँव इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि,प्रखंडस्तरीय पदाधिकारियों से लेकर जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। किन्तु, आलम यह है कि आज तक किसी ने इनकी परेशानियों के प्रति रुचि नही दिखाई।
बता दें कि पदाधिकारियों के दरवाजें खटखटाते-खटखटाते थक चुकें ग्रामीण अब इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के पास ट्वीटर के माध्यम से पत्र लिख कर अर्जी लगा रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक गाँव में यदि हल्का बारिश भी हो जाय तो कही आना-जाना मुश्किल हो जाता हैं वही, किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाना होता है तो चारपाई का ही सहारा लिया जाता है. स्कूली बच्चों को भी पढ़ने जाने में कीचड़ों का सामना करना होता है।
ग्रामीणों की माने तो जिस खेतों से होकर सड़क गुजरेगा उस खेतों के भू-स्वामियों से सड़क निर्माण कराने हेतु उनकी सहमति मिलने के बाद ग्रामीणों ने लोक शिकायत में आवेदन दे कर इसकी जानकारी दी हैं. बाउजूद इसके सड़क निर्माण को लेकर भू-अर्जन विभाग इस पर कोई उचित एवं ठोस कदम नही उठा रहा। ग्रामीणों का कहना है कि सिमरी सीओ अनिल कुमार के संज्ञान में यह मामला कई बार दिया गया लेकिन उन्होंने इसपर आजतक कोई पहल नहीं की।
गोप भरौली के इस सड़क समस्या पर नियमित आवाज उठाने वालों में वृंदा यादव,राजेंद्र यादव,रामनाथ राजभर,अजित पान्डेय ,सुजीत कुमार, राहुल कुमार पान्डेय,मुकेश पान्डेय,निषेक पान्डेय,अतुल पान्डेय,अभिषेक पान्डेय,अवधेश यादव,अनिल यादव,पप्पू राय, सुनील पान्डेय सहित कई स्थानीय लोग शामिल है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर ग्रामीणों के बार बार गुहार लगाने के बाद भी जिला प्रशासन इनकी समस्या पर संज्ञान क्यों नही ले रहा? क्या गोप भरौली की आम जनता भारत देश के नागरिक नही है? इनके साथ ऐसा अन्याय क्यों किया जा रहा है?
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2 Comments
Sarkar Ke Liye Isse Sharmnak Baat Ho Hi Nahi Sakti.
ReplyDeletePar Chunav Me Pratyashi Kichad Khane Ko v taiyaar rahte hai..
मेरे पास एक फ़ोटो हैं जो इससे भी बेहतरीन हो सकता हैं। एक मरीज को खाट पर चार लोग अस्पताल लेकर जा रहे हैं।
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