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शवों का जलप्रवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन ने शुरू किया जागरूकता अभियान- sdm Krishna kant



(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- बक्सर जिला के चौसा महादेवा घाट पर एक साथ 71 लावारिस लाशें मिलने के बाद देश में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। वही शुरुआती खबरों यह बातें सामने आई थी कि ये सभी लाशें बक्सर की ही है हालांकि, जब जिला प्रशासन ने इसपर जाँच पड़ताल शुरू किया तो पता चला कि तमाम शव उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों से गंगा में बह कर चौसा पहुची है। वही शवो को रोकने के लिए बक्सर प्रशासन की ओर से गंगा में महाजाल लगाया गया। इसके बाद भी उत्तर प्रदेश की तरफ से लाशों का आना लगातार जारी है। 

वही सदर एसडीओ के.के उपाध्याय ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत ही दुखद स्थिति है कि लोग लाशों को गंगा जी में प्रवाहित कर रहे हैं जिससे न सिर्फ संक्रमण फैलने की संभावनाएं बढ़ेंगी बल्कि,गंगा जल भी दूषित हो जाएगा। उन्होंने बताया कि महाजाल लगने एवं 71 शवो को दफनाने के बाद फिर से चौसा के रानी घाट पर जिला प्रशासन की ओर से लगे जाल पर दो लाशे बहकर आयी हुई मिलीं।

वही एसडीएम के के उपाध्याय ने कहा कि इसके लिए एक मुहिम चलाने की जरूरत है कि लोग अपने परिजनों की लाशों को गंगा जी में नहीं प्रवाहित करें। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन की तरह चलना चाहिए जिससे कि लोगों में चेतना आए और जल प्रवाह की स्थिति बंद हो। वैसे जिला प्रशासन बक्सर की ओर से जल प्रवाह रोकने के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि गंगा नदी में बड़ी संख्या में बह कर आई लाशों का आना पारिवारिक मूल्यों में आ रही गिरावट का परिचायक है। वही अनुमंडलाधिकारी ने लोगों से अपील किया कि जिनके परिजन की मृत्यु हो रही हैं वे उनका सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार करें। न कि जल प्रवाह कर उनकी मृत शरीर को जंगली जानवरों के लिए छोड़ दें। उन्होंने लोगों से अपील की है कि हिन्दू धर्म में मोक्ष की प्राप्ति तभी होती हैं जब स्वर्ग सिधार गए व्यक्ति को मुखाग्नि दी जाती हैं।

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