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ठेकेदार की लापरवाही आई सामने, जानकी ईट भट्ठा के संचालक पर मजदूरों ने लगाया था मजदूरी नही देने का आरोप,संचालक झूलन राय ने प्रेसवार्ता कर सभी आरोपों को किया खारिज- janki it udhyog





(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- राजपुर थाना क्षेत्र के डिहरी गांव में संचालित ईट भट्ठे पर मजदूरों को प्रताड़ित करने और मजदूरी नहीं देकर भगा देने के मामले में ईंट भट्ठा संचालक ने अपना पक्ष रखा है। मीडिया से बातचीत करते हुए संचालक ने बताया कि कामगारों द्वारा लगाए जा रहे तमाम आरोप बेबुनियाद हैं। एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए अपना पक्ष रखते हुए संचालक ने कहा कि नालंदा जिले के कुल 7 परिवार के लोगों को ईट पाथने के लिए काम पर रखा गया था। इन सभी लोगों को उन्हीं के गांव के एक ठेकेदार के द्वारा ईट भट्टे पर काम के लिए लाया गया था। मजदूरों का मेहनत का पैसा भी ठेकेदार के माध्यम से ही उन्हें मिलता था। संचालक ने बताया कि मजदूरों के मजदूरी का पैसा ठेकेदार को पहले ही दे दिया गया था और ठेकेदार को ही मजदूरों को पैसा देना था। 


संचालक ने बताया कि मौसम की स्थिति और आगामी चक्रवाती तूफान को देखते हुए भट्टे पर ईट पाथने का काम फिलहाल रोक दिया गया है, जिसके कारण इस कार्य में लगे तमाम मजदूरों को छुट्टी दे दी गई है। संचालक ने कहा कि उन्होंने जब इस बाबत ठेकेदार से बात की तो ठेकेदार ने मजदूरों का पैसा मजदूरों को उनके गांव नालंदा पहुंचने के बाद देने की बात कही थी। ठेकेदार के कहने पर ही तमाम लोगों को किराया भाड़ा और नए कपड़े भी खरीद कर मेरे द्वारा दिए गए थे। उन्होंने बताया कि एक वाहन के जरिए सम्मान पूर्वक सभी लोगों को बक्सर भेजा गया था।

कामगारों द्वारा उनके ठेकेदार को बंधक बनाए जाने के सवाल पर ईट भट्ठा संचालक ने कहा कि चुकी ठेकेदार के पास पहले से हमारा पैसा था और ठेकेदार को ही मजदूरों को पैसा देना था लिहाजा ठेकेदार और मजदूरों के बीच यह तय हुआ था कि उनके गांव पहुंचने पर ठेकेदार उन लोगों का बकाया पैसा दे देगा। उन्होंने बताया कि ठेकेदार के कहने पर ही सभी लोग नालंदा जाने के लिए खुशी-खुशी यहां से निकले थे लेकिन बीच में किसी ने उन्हें बरगला दिया जिसके कारण बक्सर स्टेशन पर पहुंच कर उन्होंने मीडिया से मेरे द्वारा प्रताड़ित किए जाने और मजदूरी नहीं दिए जाने के साथ-साथ ठेकेदार को बंधक बनाए जाने की बात कही गई।

इस मौके पर जब ठेकेदार से सवाल किया गया तो उसने बताया कि सभी मजदूर मेरे गांव के ही रहने वाले हैं और उनकी मजदूरी का पैसा मेरे पास पहले ही मालिक के द्वारा दे दिया गया था। उनको बंधक बनाए जाने और मारपीट के सवाल पर ठेकेदार ने कहा कि मेरे साथ इस तरह की कोई भी घटना नहीं हुई है बल्कि मैं खुद ही हिसाब किताब को लेकर ईट भट्ठा संचालक के पास रुका हुआ था। मजदूरों द्वारा लगाए गए आरोपों के सवाल पर ठेकेदार ने कहा कि उनको गांव पहुंचने के बाद उनके मजदूरी का पैसा देने का आश्वासन दिया गया था। संभवत है मेरे ईट भट्ठा संचालक के पास रुकने की वजह से उनके मन में इस बात की आशंका हुई होगी कि शायद हम लोगों को मजदूरी का पैसा नहीं मिले इसी डर से उन लोगों ने मीडिया के सामने बेबुनियाद आरोप लगाए।

ईट भट्ठा संचालक और ठेकेदार के बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि संभवतः घर जाते समय मजदूरों को जब उनको मजदूरी का पैसा नहीं मिला तो उन्हें लगा कि ठेकेदार और मालिक की मिलीभगत से उनके खून पसीने की कमाई को हड़प लेने की साजिश हुई है। कोरोना और लॉकडाउन के बीच रोजगार तो गया ही अब शायद मजदूरी भी नहीं मिलेगी। दरअसल इसी आशंका को लेकर अपने गांव नालंदा जाने के लिए बक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे मजदूरों ने ईट भट्ठा संचालक पर मारपीट कर प्रताड़ित करने और मजदूरी नहीं देने का आरोप लगाया था। फिलहाल सभी मजदूर अपने गांव नालंदा वापस लौट चुके हैं और मामला संज्ञान में आने के बाद ईट भट्ठा संचालक और ठेकेदार ने भी मीडिया के सामने आकर अपनी बातों को रख दिया है। हालांकि इस दौरान ठेकेदार ने कहा कि वह अपने गांव पहुंचते ही मजदूरों के मेहनत का पैसा उन्हें दे देगा क्योकि इसी बात की सहमति बन के बाद मजदूरों को उनकी मर्जी से उनके घर जाने के लिए कहा गया था।



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