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जिले की मात्र 59 प्रतिशत महिलाएं करती हैं सेनेटरी पैड का इस्तेमाल- health area




(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- देश निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में नित्य नए प्रयोगों के माध्यम से लोगों को स्वस्थ रखने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इन सबों के बीच समुदायों में अभी भी माहवारी स्वच्छता पर चुप्पी कायम है. इस दिशा में माहवारी स्वच्छता पर खुल कर बात करने एवं लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 मई को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है. साथ ही, माहवारी स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए किशोरियों एवं महिलाओं को सेनेटरीपैड इस्तेमाल करने की जागरूकता पर बल दिया जाता है. ”वी नीड टू स्टेप अप, एक्शन एंड इन्वेस्टमेंट इन मेंसटुरल हेल्थ एंड हाईजीन नाउ” को इस वर्ष की थीम के रूप में चुना गया है.   
प्रजनन एवं यौन संक्रमण से बचाव जरुरी: 
प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरेश कुमार ने बताया विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का मकसद समाज को एक स्वास्थ्य संदेश देना है कि हमारी मां, बहनें व बेटियां मासिक धर्म के दौरान कैसे स्वच्छ और स्वस्थ रहें. मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बहुत जरुरी होती है. इससे प्रजनन एवं यौन संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलती है. माहवारी के दौरान यदि लम्बे समय तक स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाये तो बच्चेदानी में संक्रमण पहुंच जाता है. इससे गर्भधारण बाधित या खत्म भी हो सकती है. 
डॉ. कयमर ने बताया, किशोरावस्था में शरीर और मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है. इन बदलावों  को समझने और उसे सकारात्मक रूप से लेने के लिए किशोरों को सही सलाह की बहुत जरूरत होती है. 11 से 12 साल की किशोरियों में मासिक चक्र की शुरुआत होने लगती ही. बहुत सारी किशोरियों को माहवारी के दौरान सेनेटरीपैड की  जरुरत और महत्व के बारे में सटीक जानकारी नहीं होती है. साथ ही, संकोच वश वह इस पर अन्य लोगों से चर्चा भी नहीं कर पाती हैं. यही समय है जब लड़कियों को इस संबंध में उचित सलाह देकर जागरूक किया जाए. इसको लेकर आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम सामुदायिक स्तर पर किशोरियों एवं महिलाओं को निरंतर जागरूक कर रही हैं एवं माहवारी के दौरान असुरक्षित साधनों के इस्तेमाल की जगह सुरक्षित साधन जैसे सेनेटरीपैड के शत-प्रतिशत इस्तेमाल को सुनिश्चित कर रही हैं. 
56.6 प्रतिशत महिलाएं करती हैं सेनेटरी पैड का इस्तेमाल:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार जिले की महिलाएं अभी भी सेनेटरी पैड के इस्तेमाल के मामले में उदासीन हैं. जिले की मात्र 56.6 प्रतिशत 15 से 24 आयुवर्ग की महिलाएं माहवारी के दौरान सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन, पहले की तुलना में इसके इस्तेमाल में 26.5 फीसदी की बढोत्तरी हुई है.
इन बातों का रखें ख्याल : 
- मासिक धर्म स्वच्छता पर संकोच ना करें एवं इस पर खुल-कर बात करें
- सेनेटरी पैड की जगह अन्य कोई असुरक्षित साधन इस्तेमाल ना करें
- माताएं किशोरियों को इसके बारे में जानकारी दें 
- माहवारी के दौरान असुरक्षित साधन इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हो सकता है हानिकारक


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