By- गुलशन सिंह की रिपोर्ट..
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- बरसात के दिनों में जब गंगा नदी उफान पर होती हैं तो सरकार और प्रशासन के द्वारा बक्सर-कोइलवर तटबंध की सुरक्षा के लिए दिनरात पहरेदारी और जगह जगह तटबंध में आये दरारों को भरवाने का काम जल्दी जल्दी में शुरू करवाया जाता हैं। वही हर साल तेजी से हो रहे कटाव के कारण दियारांचल के किसानों का हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि गंगा में विलीन हो रहे हैं जिसकी खोज खबर ना तो प्रशासन को है और नाही सरकार को। वही गंगा कटाव निरोधी के नाम पर जो कार्य किये जाते हैं उनमें भी कई जगहों पर अनियमितता बरतने की बात सामने आई हैं।
बीते दिन हमारी टीम सिमरी प्रखंड अंर्तगत दियारा क्षेत्र के राजापुर-गंगौली आदि गाँवो में जाकर गंगा कटाव पर ग्रामीणों से बातचीत किया। जहाँ हमारी नजर गंगौली गाँव के समीप बक्सर-कोइलवर तटबंध पर जल संसाधन विभाग एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बक्सर के द्वारा कराए गए कटाव निरोधी कार्य के योजना बोर्ड पर पड़ी। जिसपर कार्य का विवरण दर्शाया गया था। इस सम्बंध में स्थानीय ग्रामीणो ने बताया कि कटाव निरोधी कार्य गंगौली में सिर्फ छः सौ मीटर कराया गया है जबकि बाढ़ के समय तकरीबन डेढ़ किलोमीटर तक बांध पर पानी का दबाव बना रहता है।
वही ग्रामीणों ने कहा कि उस विकट प्रस्थिति में न सिर्फ एक गाँव बल्कि पूरा दियारांचल के लोग अपने अस्तित्व मिटने के डर से दहशत में जीते हैं। स्थानीय लोगों का सरकार से मांग है कि केवल एक दो जगह पर ही नही बल्कि, पूरे तटबंध का मरम्मती का कार्य बाढ़ आने से पहले कराया जाए।
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