Ad Code

भोजपुरी महाकवि आचार्य गणेश दत्त ‘किरण’ की पुण्यतिथि पर साहित्यिक गोष्ठी, नई कार्यकारिणी का गठन



बक्सर । नगर के आर्या एकेडमी में रविवार को भोजपुरी साहित्य मण्डल के तत्वावधान में भोजपुरी के महाकवि आचार्य गणेश दत्त ‘किरण’ की पुण्यतिथि श्रद्धा और साहित्यिक गरिमा के साथ मनाई गई। इसी दिन वर्ष 2011 में आचार्य किरण का महाप्रस्थान हुआ था।


कवि का जीवन और रचनाएँ :

आचार्य गणेश दत्त ‘किरण’ का जन्म 5 जून 1933 को बक्सर जिले के बैरी गाँव में हुआ था। वे भोजपुरी भाषा के वीर रस, छंदबद्ध काव्य और पौराणिक आख्यानों के मर्मज्ञ रचनाकार थे। चीन युद्ध पर लिखी उनकी प्रसिद्ध कृति ‘बावनी’ आज भी भोजपुरी साहित्य का अमूल्य धरोहर मानी जाती है।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ:

इस अवसर पर भोजपुरी साहित्य मण्डल – बक्सर की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें प्रो. अरुण मोहन भारवि को अध्यक्ष तथा डॉ. वैरागी प्रभाष चतुर्वेदी को महासचिव मनोनीत किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रो. भारवि द्वारा संपादित ‘बावनी’ और डॉ. वैरागी की पुस्तक ‘आचार्य गणेश दत्त किरण व्यक्तित्व एवं कृतित्व’ पर विशेष चर्चा हुई।

प्रो. भारवि ने कहा – “आचार्य किरण कलम के मजदूर नहीं, कलम के जादूगर और छंद के अद्वितीय ज्ञाता थे।”
डॉ. शशांक शेखर ने साहित्य पर बाजारवाद के प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा कि मौलिक रचनाओं और रचनाकारों को समुचित महत्व मिलना चाहिए।
डॉ. वैरागी ने कहा – “किरण जी के साहित्यिक व्यक्तित्व को गढ़ने में उनकी पत्नी, जिन्हें वे स्नेहपूर्वक ‘लिलिया के माई’ कहते थे, की अहम भूमिका रही। वे निर्गुण काव्य के बड़े लेखक थे।”

कवि शिव बहादुर प्रीतम ने आचार्य किरण की वीर-रस कविताओं का जोशीला पाठ किया। वहीं, इस अवसर पर धनंजय गुड़ाकेश, वशिष्ठ पाण्डेय, शशिभूषण मिश्र, संजय सागर, कुसध्वज सिंह मुन्ना, फारुख सैफी, रामेश्वर नाथ मिश्र बिहान, राजा रमन पाण्डेय, रमाधर सिंह और महेश ओझा ‘महेश’ ने भी कविता पाठ किया।

संचालन और अध्यक्षता :

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. अरुण मोहन भारवि ने की जबकि संचालन कवि शिव बहादुर प्रीतम ने किया। आभार ज्ञापन वरिष्ठ अवकाशप्राप्त शिक्षक श्री गणेश उपाध्याय ने किया।









................. ................. ............... ..............
Send us news at: buxaronlinenews@gmail.com
ख़बरें भेजें और हम पहुंचाएंगे, 
आपकी खबर को सही जगह तक...





 





Post a Comment

0 Comments

Close Menu