रिपोर्ट- गुलशन सिंह
बक्सर । एक कहावत है कि दृढ़ संकल्प के साथ किया गया परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता,सफलता उस इंसान की कदम जरूर चूमती है. इसी को चरितार्थ कर दिखाया है बक्सर जिले के ब्रह्मपुर के किसान चन्दन पान्डेय के पुत्र रूपेश पान्डेय ने, एसएससी सीजीएल की परीक्षा में सफलता हासिल कर सहायक अनुभाग अधिकारी पद के लिए रूपेश चयनित हो चुके है. इनकी इस सफलता से परिवार सहित पूरे नगर में खुशी का माहौल बना हुआ है. इस सम्बंध में अधिक जानकारी देते हुए बड़े भाई समाजसेवी अनूप पान्डेय उर्फ बबल जी ने बताया कि उन्हें खुशी है कि उनका छोटा भाई रेलवे में नौकरी करते हुए प्रथम प्रयास में SSC CGL परीक्षा पास कर ASO अधिकारी बना है इससे परिवार का मान सम्मान बढ़ा है. रूपेश ब्रह्मपुर गाँव के पान्डेय टोला के रहनेवाले है. पिता चन्दन पान्डेय एक प्रतिष्ठित नागरिक के साथ अच्छे किसान है, जबकि माता गृहणी है. रूपेश माता-पिता के छोटे संतान है. इनके बड़े भाई अनूप समाजसेवी के साथ साथ विद्वान आचार्य भी है. इधर, मोहल्ले के लोग युवाओं के लिए रूपेश को प्रेरणा के तौर पर देख रहे है. वही अपनी उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए रूपेश ने बताया कि माता-पिता व भाई सहित कुटुंब जनों का आशीर्वाद व बहुत दिनों का मेहनत रंग लाया है.
सरकारी सेवा में जाना बचपन का सपना:
उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनके मन में था कि वह सिविल सर्विसेज में जाएं. जिसके लिए वह मन लगाकर पढ़ाई भी किये. रूपेश ने बताया कि वह ज्यादा समय परिवार व किताबों के साथ बिताए है. उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा भी यही से पूरी हुई है. उन्होंने बताया कि बीएन हाई स्कूल ,ब्रह्मपुर से दशवी एवं 12वीं की पढ़ाई पूरी की. वही ए.एन. कॉलेज,पटना से स्नातक किया. उन्होंने बताया कि वह इंटरमीडिएट में ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए. इसी दौरान पहली बार रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा दी और इसमें वह सफल रहे. एक साल पहले रेलवे में योगदान दिया और मुगलसराय में साल भर रेलवे में सेवा दी. इसी बीच ssc-cgl 2024 की परीक्षा दी जिसका रिजल्ट जारी हुआ तो सहायक अनुभाग अधिकारी के तौर पर चयन हुआ है. उन्होंने बताया कि वे अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को देना चाहेंगे क्योंकि, इन्हीं लोगों से उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिलता रहा.
सफलता का कोई विकल्प नहीं:
उनका मानना है कि परिवार के सपोर्ट के बाद ही उन्हें कामयाबी मिली है. हालांकि, रूपेश ने बताया कि इसके लिए वह हर दिन 10 से 12 घण्टे पढ़ाई करते थे. उन्होंने बताया कि सफलता के लिए सेल्फ स्टडी ज्यादा मायने रखता है. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य है कि वह एक दिन आईएएस अधिकारी बने,इस सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी भी जारी रहेगा . वही रूपेश पान्डेय ने युवाओं को सन्देश देते हुए कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, सफलता प्राप्त करने के लिए अपनी गलतियों को पहचान कर उसको सुधार करना चाहिए इससे कामयाबी का मार्ग प्रशस्त होता है.
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