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किसान के बेटे ने डुमराँव का नाम किया रोशन,सेल्फ स्टडी के बल पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी बने आयुष, जानिए सफलता का मंत्र-bpsc-exam-buxar



रिपोर्ट- गुलशन सिंह
बक्सर । एक कहावत है कि दृढ़ संकल्प के साथ किया गया परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता,सफलता उस इंसान की कदम जरूर चूमती है. इसी को चरितार्थ कर दिखाया है बक्सर जिले के डुमराँव के किसान तुलसी तिवारी के पुत्र आयुष तिवारी ने, बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी पद के लिए आयुष चयनित हो चुके है. इनकी इस सफलता से परिवार सहित पूरे नगर में खुशी का माहौल बना हुआ है. इस सम्बंध में अधिक जानकारी देते हुए शिक्षक पंकज ओझा ने बताया कि उन्हें खुशी है कि उनका भतीजा प्रथम प्रयास में बीपीएससी परीक्षा पास कर अधिकारी बना है इससे परिवार का मान सम्मान बढ़ा है. आयुष डुमराँव प्रखंड के तिवारी टोला के रहनेवाले है. पिता तुलसी तिवारी एक प्रतिष्ठित नागरिक के साथ अच्छे किसान है, जबकि माता गृहणी है. आयुष माता-पिता के छोटे संतान है. इनके बड़े भाई अमन तिवारी विद्वान अधिवक्ता है. इधर, मोहल्ले के लोग युवाओं के लिए आयुष को प्रेरणा के तौर पर देख रहे है. वही अपनी उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए आयुष ने बताया कि माता-पिता व भाई सहित कुटुंब जनों का आशीर्वाद व बहुत दिनों का मेहनत रंग लाया है.





सिविल सर्विस में जाना बचपन का सपना:

 उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनके मन में था कि वह सिविल सर्विसेज में जाएं. जिसके लिए वह मन लगाकर पढ़ाई भी किये. आयुष ने बताया कि वह ज्यादा समय परिवार व किताबों के साथ बिताए है. उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा भी यही से पूरी हुई है. उन्होंने बताया कि नवोदय विद्यालय ,नावानगर से कक्षा पांचवी से लेकर मैट्रिक व इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. वही डॉ राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर से एग्रीकल्चर में स्नातक किया. उन्होंने बताया कि वह इंटरमीडिएट में ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए. इसी दौरान बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं की तैयारी शुरू की. फिर पहली बार बीपीएससी बीएओ की परीक्षा दी और इसमें वह सफल रहे. उन्होंने बताया कि वे अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को देना चाहेंगे क्योंकि, इन्हीं लोगों से उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिलता रहा.




सफलता का कोई विकल्प नहीं:

उनका मानना है कि परिवार के सपोर्ट के बाद ही उन्हें कामयाबी मिली है. हालांकि, आयुष ने बताया कि इसके लिए वह हर दिन 10 से 12 घण्टे पढ़ाई करते थे. उन्होंने बताया कि सफलता के लिए सेल्फ स्टडी ज्यादा मायने रखता है. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य है कि वह एक दिन आईएएस अधिकारी बने,इस सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी भी जारी रहेगा . वही आयुष तिवारी ने युवाओं को सन्देश देते हुए कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, सफलता प्राप्त करने के लिए अपनी गलतियों को पहचान कर उसको सुधार करना चाहिए इससे कामयाबी का मार्ग प्रशस्त होता है.





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