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वामन द्वादशी पर‌ शहर में निकाली गई भव्य रथयात्रा, रथ खींचने को लेकर श्रद्धालुओं एवं भक्तों की लगी होड़- vaman-dvadshi


बक्सर । शहर में भगवान वामन चेतना मंच के तत्वावधान में रविवार को वामन द्वादशी के अवसर पर भगवान वामन जयंती महोत्सव समारोह धूमधाम से मनाई गई. इस दौरान शहर में भव्य रथयात्रा भी निकाली गई. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं एवं भक्तों ने भाग लिया. रथ यात्रा की शुरुआत रामरेखा घाट स्थित श्री रामेश्वर नाथ मंदिर से कृष्णानंद शास्त्री एवं रणधीर ओझा के वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पूजन के साथ किया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं एवं भक्तों के शंख ध्वनि एवं जय घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.

भगवान श्री वामन की रथ यात्रा श्री रामेश्वर नाथ मंदिर से निकलकर पीपर पाती रोड, यमुना चौक, मुनीम चौक, नगर थाना होते हुए किला मैदान, जेल रोड से सोमेश्वर स्थान स्थित भगवान वामन धाम पहुंचा. इस दौरान शहर शहर में जगह-जगह भगवान वामन के रथ पर श्रद्धालुओं एवं भक्तों ने पुष्प की वर्षा की और आरती उतारी. सुसज्जित रथ पर विराजमान भगवान वामन के दिव्य रूप के दर्शन को लेकर सड़क के दोनों किनारे श्रद्धालुओं एवं भक्तों की भीड़ जुटी रही. भगवान वामन की जय घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान मन हो उठा. वही रथ को खींचने को लेकर श्रद्धालुओं एवं भक्तों की होड़ लगी रही. रथ यात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गईं. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश समेत बिहार के विभिन्न जिलों के श्रद्धालु एवं भक्त शामिल हुए .वही सोमेश्वर स्थान स्थित वामन धाम रथ पहुंचने पर आरती उतारी की गई. वही महाप्रसाद का वितरण भी किया गया. शहर वासियों ने भगवान वामन के रथ यात्रा में शामिल होकर एवं दिव्य दर्शन पाकर मंगल कामना की. संतों ने कहा कि भगवान विष्णु के पांच अवतारों में से एक है वामन अवतार. इस अवतार में भगवान ने असुरी शक्ति के बादशाह महा प्रतापी राजा बलि को छल से पराजित कर उसे शक्तिहीन बना दिए थे. भगवान 100 वें यज्ञ में मानव के सबसे छोटा रूप में  वामन अवतार लेकर बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंच गए. वस्त्रहीन पांच साल के बच्चे के रूप में छाता लेकर एवं खड़ाऊ पहने पहुंच गए . राजा बली ने उनसे आने का प्रयोजन जाना तो उन्होंने स्वयं को पंडित बताया. और पूजा करने की बात कही. उन्होंने संकल्प कराया और दक्षिणा स्वरूप तीन कदम भूमि की मांग की. जब असुरों के ऋषि शुक्राचार्य को शक हुआ और उन्होंने भगवान की पहचान कर ली. शुक्राचार्य के मना करने की बावजूद भी बलि ने उनकी बात नहीं मानी. इसके बाद दो कदम में पूरी सृष्टि को भगवान ने माप लिया और तीसरे कम में राजा बलि को ही माप लिया.इससे दानवीर बलि ने भगवान को सब कुछ न्योछावर कर दिया. पूरे दिन भगवान  वामन की पूजन अर्चन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य भारत भूषण पांडेय ने की. वही संचालन प्रमोद चौबे ने किया .इस दौरान अतिथियों को भगवान वामन का चित्र एवं अंग वस्त्र देखकर सम्मानित भी किया गया. वही बक्सर धाम को पर्यटक स्थल घोषित करने को लेकर मांग भी रखी गई. रथ यात्रा में सांसद सुधाकर सिंह,मिथिलेश तिवारी, आनंद मिश्र,रानी चौबे,‌ श्वेता पाठक,मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी,एसडीएम धीरेन्द्र मिश्र,प्रकाश पांडेय, वर्षा पांडेय, संजय ओझा, मनोज तिवारी, चमन दुबे, विजय पाठक, रामवतार , आनंद पांडेय, प्रियव्रत पांडेय, अभिषेक ओझा, सरोज तिवारी, दयानंद उपाध्याय, कमलाकर ओझा, श्रवण तिवारी, मनोज पांडेय, डा शशि प्रकाश तिवारी,अखिलेश पांडेय, मनोज दुबे, पीयूष पांडेय, सत्येंद्र ओझा , अंसु कुमार, पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला,प्रदीप राय, डा पीके पांडेय, डा रंगनाथ तिवारी, डा राजेश मिश्रा, नंद कुमार तिवारी, बजरंगी मिश्रा, चुनमुन चौबे, विजय कुमार मिश्र, बबली दूबे, मोहित दूबे,
नियमतुल्ला फरीदी, सुनिल मिश्रा, अमित पांडेय, दुर्गा चरण मिश्रा, अखिलानंद उपाध्याय समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. 






























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