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गर्भावस्था के दौरान मलेरिया होने से गर्भपात की रहती है संभावना- frontliner




- नियमित बुखार होने की स्थिति में फ्रंटलाइन वर्कर से संपर्क करें गर्भवती महिलाएं
- गर्भवतियों में मलेरिया या डेंगू के प्रभाव सामान्य महिलाओं की तुलना में तीन गुना अधिक

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज):- जिले में फिलहाल मानसून कमजोर होने के कारण बारिश अनियमित रूप से हो रही है। लेकिन, इसके बावजूद भी निचले इलाकों और गड्‌ढ़ों में जलजमाव देखा जा सकता है। जिसके कारण मच्छरों से होने वाली बीमारियों की संभावना बढ़ गई है। पिछले सप्ताह जिले में मलेरिया के तीन मरीजों की पुष्टि हुई थी। जिसको लेकर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग द्वारा फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ पंचायत स्तरीय सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों तक मच्छरों से बचाव की जानकारी पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके। मलेरिया के अलावा मच्छर और कई गंभीर बीमारियों के विषाणु के वाहक हैं। जिनमें डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया व जापानी बुखार व अन्य मच्छर जनित बीमारियां शामिल हैं।  जिसके संबंध में लोगों का जागरूक होना अति आवयश्क है। इन बीमारियों की रोकथाम के लिए जिले के सभी अस्पतालों में आवश्यक सुविधा उपलब्ध है। यदि, किसी को इस तरह की बीमारी हो जाती है तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जा कर अपनी जांच व इलाज करा सकते है।

गर्भावस्था में डेंगू व मलेरिया होना जच्चा बच्चा दोनों के लिए खतरनाक :
सेंटर फॉर डिजिज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार गर्भवती महिलाओं में डेंगू व मलेरिया होना जच्चा बच्चा दोनों के लिए खतरनाक है। मलेरिया परजीवी या डेंगू का वायरस गर्भवती महिला के भ्रूण तक पहुंच कर उसे गंभीर रूप से प्रभावित करता है। जिसके कारण गर्भपात, समय से पूर्व शिशु का जन्म, जन्म के समय कम वजन, जन्मजात संक्रमण या प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की मौत भी हो सकती है। वहीं, गर्भवती महिलाओं की कमजोर इम्यूनिटी होने के कारण मच्छर जनित रोगों के होने वाले प्रभाव सामान्य महिलाओं की तुलना में तीन गुना अधिक होता  है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे मच्छरों के प्रकोप वाली जगहों पर जाने से बचें। घर के आासपास साफ-सफाई रखें। सबसे जरूरी बात यह कि यदि मलेरिया या डेंगू के लक्षण दिखें, तो तत्काल जांच कराएं।

आसपास की सफाई रख मच्छरों को पनपने से रोकें:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, मलेरिया की जांच के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों को मलेरिया जांच किट दी  जाती  है। ताकि,  लोगों को जांच के लिए जिला मुख्यालय का चक्कर न लगाना पड़े। अभी के मौसम में मच्छर जनित रोगों को लेकर बहुत अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। तेज बुखार की स्थिति को नजरअंदाज न करें। मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया व डेंगू आदि में ठंड के साथ तेज बुखार आने के साथ मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द भी रहता है। उन्होंने बताया, डेंगू के कारण खून में मौजूद प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होने लगती है। शरीर पर चकते या दाने उभर आते हैं। मच्छरों से बचने के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल अवश्य करें। अपने आसपास पनपने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए प्राथमिक स्तर पर घरेलू उपाय भी अपनायें।


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