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पीएचएच राशन कार्ड धारकों को सदर अस्पताल में नि:शुल्क मिलती है डायलिसिस की सुविधा- buxar-district




- प्रत्येक माह लगभग 150 लोग उठा रहे हैं राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का लाभ
- हेपेटाइटिस सी के पॉजिटिव ट्रीटमेंट के लिए भी स्थापित है एक आईपीएफ मशीन

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में किडनी के रोगियों को अब डायलिसिस कराने के लिए अन्य जिलों या प्रदेश में जाने की आवश्यकता नहीं है। किडनी के मरीजों के लिए जिलामुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में ही डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत जिले के गरीब व जरूरमंद लोगों के लिए यह सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क है। लेकिन, इसके लिए उनके पास प्राथमिकता घरेलू (पीएचएच) राशन कार्ड होना अनिवार्य है। वहीं, जिन मरीजों के पीएचएच राशन कार्ड नहीं है, उनको 1745 रुपये देने होते हैं। किडनी रोगियों को डायलिसिस की जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही इस योजना का प्रत्येक माह लगभग 150 मरीज लाभ उठा रहे हैं। हालांकि, जिलास्तर पर यह कार्यक्रम सार्वजनिक और निजी साझेदारी (पीपीपी) मोड में चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत किडनी के मरीजों को सदर अस्पताल में ही डायलिसिस, दवाइयां आदि की सुविधा पूरी तरह नि:शुल्क में दी जा रही है।
डायलिसिस सेंटर में स्थापित हैं पांच मशीनें :
डायलिसिस सेंटर के इंजार्च दिलीप कुमार ने बताया, सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में पांच मशीन हैं। जिसमें एक मशीन हेपेटाइटिस सी के पॉजिटिव ट्रीटमेंट के लिए एक आईपीएफ मशीन और डायलिसिस के निगेटिव ट्रीटमेंट के लिए चार मशीनें स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि खून को मशीनों के जरिए साफ करने की प्रक्रिया को डायलिसिस कहते है। जिसको करने में 4 घंटे का वक्त लगता है और इसे हफ्ते में तीन बार किया जाता है। जब किडनी खराब हो जाती है तब इसकी जरुरत पड़ती है। कडनी खून से विषाक्त पदार्थों को साफ नहीं कर पाती है, जिसके चलते डायलिसिस की मदद से खून से विषाक्त पदार्थों को निकाला जाता है तथा अम्ल-क्षारों व पानी की मात्रा का संतुलन बनाया जाता है।
पहले और दूसरे स्टेज के किडनी के मरीजों को मिलता है अधिक फायदा :
सेंटर इंजार्च दिलीप कुमार ने बताया, अमूमन किडनी के मरीज चौथे स्टेज को पार कर लेते हैं, तब उन्हें पता चलता है की उनकी किडनी अब खराब हो चुकी है। लेकिन, वही अगर पहले और दूसरे स्टेज में बीमारी पकड़ में आ जाती है, तो डायलिसिस कराने के बाद उसके ठीक होने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए सभी को नियमित रूप से अपनी किडनी की जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए सबसे जरूरी बात है अपनी सेहत का ख्याल रखना। इसलिए ऐसी कोई भी हानिकारक पदार्थों का सेवन न करें, जिसका असर सीधे हमारे किडनी पर होता हो। 
डायलिसिस की सुविधा शुरू होने मरीजों को मिली राहत :
निजी अस्पताल की तुलना में सदर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा सामान्य मरीजों को आधी दर पर दी जा रही है। डायलिसिस की सुविधा शुरू होने मरीजों को राहत मिली है। डायलिसिस सेंटर में अलग से चिकित्सक की तैनाती की गई है। निजी क्लीनिक में डायलिसिस के लिए जहां 3500 रुपये लगते हैं, सदर अस्पताल में वो इलाज 1745 रुपये ही हो जाता है। ' - डॉ. जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन, बक्सर



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