• जिले में 6 माह से 59 माह तक के 68.3% बच्चे हैं रक्त की कमी से ग्रसित
• एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत दी जा रही निःशुल्क सुविधा
• समुदायिक स्तर पर उपलब्ध है आयरन सिरप
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- बाल्यावस्था जीवन के स्वर्णिम पल होते हैं. सफ़ल एवं स्वस्थ जीवन की यह आधारशिला भी तैयार करती है. चेहरे पर मुस्कान, शरीर में स्फूर्ति एवं बिना थके भाग-दौड़ करना बाल्यावस्था की पहचान होती है. लेकिन इसके विपरीत यदि बच्चे का शारीरिक विकास उम्र के मुताबिक नहीं हुआ हो. बच्चे के चेहरे से मुस्कान गायब हो रही हो. वह अन्य बच्चों की तरह खेल-कूद में शरीक नहीं हो रहा हो. बच्चा हमेशा सुस्त एवं बीमार रहता हो. पढाई में अपना ध्यान नहीं लगा पा रहा हो. बच्चे की स्मरण शक्ति बेहद कम हो रही हो. ऐसी स्थिति में आपको सतर्क होने की जरूरत है. ये लक्षण बच्चे में खून की कमी के हैं. आपके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या समुदाय में इसका उपचार उपलब्ध है. सरकार ने एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत 6 माह से 59 माह तक के बच्चों को एनीमिया( खून की कमी) से बचाने की पहल की है. इसके लिए इस उम्र के बच्चों को सप्ताह में दो बार आयरन सिरप की ख़ुराक निःशुल्क दी जा रही है.
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल भट्ट ने बताया हीमोग्लोबिन के आभाव में बच्चा शारीरिक तौर पर कमजोर तो होता है. साथ ही इससे बच्चे का मानसिक एवं बौद्धिक विकास भी अवरुद्ध हो जाता है. एक ख़ुराक में 1 मिलीलीटर यानी 8-10 ख़ुराक प्रति माह बच्चे को देना होता है. सभी आशा को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सिरप की 50 मिलीलीटर की बोतलें आवश्यक मात्रा में दी जाती है. प्रथम दो सप्ताह में आशा स्वयं बच्चों को दवा पिलाकर माँ को सिखाने का प्रयास करती हैं. प्रथम दो सप्ताह के बाद का ख़ुराक माँ द्वारा स्वयं पिलाने तथा अनुपूरण कार्ड में निशान लगाने के विषय में इस कार्यक्रम के दिशा-निर्देश में बल दिया गया है.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019 -20) के अनुसार जिले में 6 से 59 महीने आयुवर्ग के 68.3 प्रतिशत बच्चे रक्तअल्पता के शिकार हैं तथा इसपर तुरंत ध्यान देने की जरुरत है. चिंताजनक बात यह है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (2015 -16) में इस आयुवर्ग के बच्चों में रक्तअल्पता का प्रतिशत 59.8 था और यह जिले में बच्चों के सेहत और पोषण की दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीर प्रस्तुत करता है जिसका तत्काल प्रबंधन आवश्यक है.
प्रति माह 8 से 10 ख़ुराक:
ऑटो डिस्पेंसर से सिरप की मात्रा में सुविधा:
इस आयरन सिरप में एक ऑटो डिस्पेंसर लगा हुआ है. जिसे दबाने के बाद एक बार में निश्चित मात्रा में(1 मिलीलीटर) ही सिरप बाहर आता है. इससे क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को बच्चों को दवा पिलाने में सुविधा होती है.
दवा पिलाने के दौरान इन बातों का रखें ख्याल:
• दवा पिलाने वक्त बोतल को अच्छी तरह से हिला लें
• दूध के साथ बच्चे को सिरप नहीं दें
• खाली पेट बच्चों को सिरप नहीं दें
• रक्त संबंधी गंभीर समस्या होने पर चिकित्सक की राय के बाद ही सिरप दें।
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