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जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मनाया गया कुष्ठ रोग निवारण दिवस- district-buxar





- जिला मुख्यालय में लोगों को किया गया जागरूक, बांटे गए पर्चे
- कीटाणु से होती है कुष्ठ रोग की बीमारी, पूर्ण इलाज है सम्भव
- महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाया गया कुष्ठ निवारण दिवस

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य पर जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कुष्ठ रोग निवारण दिवस मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके द्वारा दिए गए कुष्ट रोगियों से भेदभाव नहीं करने की शपथ ग्रहण की गई। सिविल सर्जन कार्यालय, सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बक्सर अर्बन पीएचसी सहित सभी स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करने और जिले से कुष्ठ बीमारी को समाप्त करने की प्रण लिया। वहीं, सदर पीएचसी में  सदर प्रखंड में डॉ आशुतोष पांडेय, पीएमडब्लू नागेश दत्त पांडेय, बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह, अग्निवेश कुमार, अनीता पाल, मनीषा कुमारी आदि कई लोगों ने शपथ लिया।

कुष्ठ रोगियों की देखभाल करने से नहीं होती कोई समस्या :
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को कुष्ठ दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि महात्मा गांधी कुष्ठ रोगियों के प्रति पूरी तरह स्नेह एवं सेवा की भावना रखते थे। बापू ने कुष्ठ रोगियों की सेवा कर यह साबित किया कि कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की सेवा करने व उनकी देखरेख करने से कुष्ठ रोग नहीं फैलता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ निवारण दिवस पर सभी स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा भेदभाव नहीं करने और उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली विकलांगता प्रमाण पत्र तथा पेंशन राशि दिलवाने में पूरी तरह मदद करने की शपथ ली गयी है।

लोगों को किया गया जागरूक :
जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, विश्व कुष्ठ दिवस के अवसर पर जिले के सभी इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस क्रम में पुलिस चौकी स्टॉल लगाकर आम लोगों के बीच पर्चा वितरण किया गया एवं उसके संबंधित जानकारी दी गई। वहीं, लाउडस्पीकर के द्वारा पूरे शहर में प्रचार प्रसार भी किया गया। उन्होंने बताया, कुष्ठ रोग से ग्रसित व्यक्ति से किसी को भी कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। लोगों को समाज में कोई भी ऐसा व्यक्ति जो कुष्ठ  रोग से प्रभावित था और उनका इलाज एमडीटी (मल्टी ड्रग थेरेपी) के माध्यम से हो चुका है, तो उनके साथ घूमने, बैठने, खाने इत्यादि पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। लोगों को विकलांगतायुक्त कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति से भेदभाव नहीं करते हुए उन्हें निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में मदद करनी चाहिए। 

कीटाणु से होती है कुष्ठ रोग की बीमारी, पूर्ण इलाज है सम्भव  :
डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, बीमारी का पूर्ण इलाज सम्भव है। समय से इलाज कराने से यह रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके इलाज के लिए एमडीटी का उपयोग किया जाता है। एमडीटी का पूरा खुराक नियमानुसार सेवन करने के बाद कोई भी कुष्ठ  प्रभावित व्यक्ति सामान्य इंसान जैसा हो सकता है। उपचार नहीं कराने से संक्रमित व्यक्ति अनेक लोगों में इसका संक्रमण फैला सकता है लेकिन कुष्ठ विकृतियुक्त व्यक्ति अगर इस बीमारी का इलाज करा चुके हैं तो उनसे यह संक्रमण नहीं फैलता है। इसलिए कुष्ठ  के लक्षण दिखाई देने पर लोगों को तुरंत इसकी जांच करानी चाहिए।


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