- आशा, आंगनबाड़ी व अन्य उत्प्रेरक गर्भवतियों का करायेंगे टीकाकरण सुनिश्चित
- आने जाने में असमर्थ गर्भवतियों के लिये उपलब्ध कराई जायेगी एम्बुलेंस
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जिले में हर माह की 9वीं तिथि को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) आयोजन किया जाता है। छठ महापर्व को देखते हुये इस बार गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच अब इस माह की 13 तारिख को की जायेगी। लेकिन, राज्य स्वास्थ्य समिति ने इसको और भी व्यापक बनाने के लिये विशेष टीकाकरण दिवस मनाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत महिलाओं की जांच व परामर्श के साथ-साथ वैक्सीन दिया जायेगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सिविल सर्जन के नामित एक पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने आशा, आंगनबाड़ी व अन्य उत्प्रेरक के माध्यम से पीएमएसएमए योजनान्तर्गत घर-घर जाकर कोविड-19 वैक्सीन से वंचित अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण हेतु उत्प्रेरित कर उनको टीकाकृत कराने का निर्देश दिया है।
बीएम और बीसीएम की होगी जवादेही :
कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जारी पत्र में यह निर्देश दिया है कि अभियान की पूर्ण जावबदेही प्रखंड स्तर पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं प्रखड सामुदायिक उत्प्रेरक की होगी। पत्र के अनुसार उक्त तिथि को वैसी गर्भवती महिलाओं जो आने जाने में असमर्थ हो उनके लिए विशेष रूप से वाहन व एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाय। इसके साथ ही टीकाकरण के दौरान एक एम्बुलेंस (आवश्यक दवाओं / सामग्रियों सहित) की व्यवस्था स्वास्थ्य संस्थान में सुनिश्चित की जाये। ताकि, आवश्यकतानुसार गर्भवती महिला को उच्च स्वास्थ्य संस्थान में पहुंचाया जा सके।
लाइन लिस्टिंग कर गर्भवतियों को किया जा रहा है जागरूक :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, गर्भवती महिलाओं में पूर्व में भ्रांतियां फैली हुई थी। लेकिन, धीरे-धीरे भ्रांतियों को दूर कर लिया गया। उसके बावजूद भी कई गर्भवती महिलायें टीका लेने से वंचित रह गई है। जिसको देखते हुये 13 नवंबर को विशेष ड्राइव का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिये क्षेत्रीय कार्यकर्ता द्वारा गर्भवती महिलाओं को लाइन लिस्टिंग कर उन्हें टीके के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा, गर्भवती महिलाओं को भी कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के मामले में, दो जिंदगियों की सुरक्षा शामिल है मां और उसके गर्भस्थ शिशु। इसीलिए, स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करने का फैसला किया है। ताकि, इस टीके से माताओं को अधिक लाभ हो।
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