(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- गुरु का पद सर्व श्रेष्ठ माना जाता है। परन्तु डुमरांव प्रखंड कार्यालय के सामने स्थित मध्य विद्यालय खिरौली के नियोजित शिक्षक वंश नारायण चौबे ने इस पर की गरीमा को धूमिल करने में कोई कोताही नहीं बरती है। शिक्षक क्लास रूम बंद कर कक्षा एक की मासूम बच्चियों को निवस्त्र कर नचवाते थे। नहीं नाचने पर उनकी पिटाई करते थे। इस बात का खुलासा बाल कल्याण समिति की जांच में सामने आया है।
क्या है मामला
मिली जानकारी के अनुसार 16 सितंबर को वर्ग एक क्लास टीचर कक्षा बंद कर मासूम लड़कियों को निवस्त्र कर नचवा रहे थे। लड़कों को आंख बंद करने के लिये कहा था। एक लड़का लड़का आंख खोलकर देखने लगा। यह देख शिक्षक आगबगुला हो गए। लड़के की पिटाई कर दिए। लड़के ने यह बात अपने अभिभवकों को बताई। अभिभावक स्कूल में आ धमके और टीचर के साथ हाथापाई की। इसके बाद शिक्षक ने थाने में अभिभावकों के खिलाफ आवेदन दिया।
स्कूल में किया तालाबंदी
17 सितंबर को अभिभावकों ने बवाल काटा इसके बाद तालाबंदी कर दी। पुलिस, शिक्षा विभाग के अधिकारी आ धमके। किसी तरह मामले को शांत कराया गया। लेकिन, हर जगह शिक्षक के कुकृत्य को छुपाने का प्रयास किया जाता रहा।
सीडब्ल्यूसी को मिला आवेदन
इस घटना को लेकर एक आवेदन बाल कल्याण समिति को मिली। इसके आलोक में समिति के अध्यक्ष मदन सिंह, सदस्य डॉ. शशांक शेखर, नवीन कुमार व योगिता सिंह जांच करने पहुंचे। करीब चार घंटे तक समिति ने कक्षा एक की छात्र-छात्राओं से बंद कमरे में पूछताछ की। जिसमें यह सामने आया कि लगा आरोप पूरी तरह से सत्य है। साथ ही यह भी जानकारी मिली कि शिक्षक खैनी बालकों के हाथ पर थूकते थे और उसे बाहर फेंकने के लिए कहते थे।
क्या कहते हैं अध्यक्ष
जांच में मामला सत्य पाया गया है। इसकी पूरी रिपोर्ट डीएम व सम्बंधित अधिकारियों को दी जाएगी। ताकि दोषी व तथ्य को छुपाने वालों पर सख्त करवाई हो सके।
मदन सिंह, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति
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