(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में टीबी उन्मूलन के लिये विभिन्न स्तर पर अभियान चलाए जाते रहे हैं। ताकि, लोगों को टीबी से मुक्त किया जा सके। इस क्रम में केंद्र सरकार के निर्देश पर 2 सितंबर से 1 नवंबर तक टीबी के सक्रिय रोगियों की खोज अभियान चलाया जाना है। इस दौरान घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की पहचान की जायेगी। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। पत्र में बताया गया है कि वर्तमान वर्ष (जनवरी-जुलाई 2021) के दौरान केवल 11.57 लाख टीबी के मामलों को अधिसूचित किया गया है, जो निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है। केस फाइंडिंग गतिविधियों को तेज करके और सभी पात्र टीबी रोगियों को उचित प्रोत्साहन प्रदान करके टीबी अधिसूचना और निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) भुगतान को और बढ़ाने की आवश्यकता है। अभियानों के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने व स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
टीबी उन्मूलन को लेकर विभाग है प्रतिबद्ध :
जिला यक्षमा पदाधिकारी डॉ. नरेश कुमार ने कहा, केंद्र सरकार के द्वारा एक नवम्बर तक एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन चलाने का निर्देश प्राप्त हुआ है। लेकिन, जिले में फिलहाल पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज है। जिसको देखते हुए जिले में एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन की तिथि बढ़ाने की संभावना है। उन्होंने बताया, वर्ष 2025 तक जिले को टीबी से मुक्त कराया जाएगा। इसे लेकर विभाग प्रतिबद्ध है। पहले के मुकाबले मृत्यु दर में काफी कमी आई है। उम्मीद है कि जल्द ही जिले में टीबी पर काबू पा लिया जाएगा। टीबी उन्मूलन में जनभागीदारी बहुत ही जरूरी है। अगर लोग सहयोग करें तो यह बीमारी समय से पहले खत्म हो सकती है।
टीबी मरीजों को प्रोत्साहन राशि :
डॉ. नरेश कुमार ने बताया, विभाग की ओर से टीबी मरीजों को खुराक भत्ता भी दिया जाता और टीबी मरीज को जो अस्पताल तक पहुंचाता है, उसे भी 500 रुपये मेहनताना दिया जाता है। एक्टिविटी के तहत विभाग की ओर से सर्वे और उसके बाद टीबी के मरीजों को ढूंढ कर उनका इलाज और आसपास के लोगों को टीबी को लेकर जागरूक भी किया जाएगा। टीबी रोग इलाज योग्य है, इसलिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सलाह अनुसार इसका इलाज हो सकता है।
जांच में पुष्टि हो के बाद निःशुल्क मिलती है दवा :
टीबी का लक्षण दिखे तो जांच आवश्यक कराएं। टीबी का हल्का-सा भी लक्षण दिखे तो जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र जाएं। जांच में पुष्टि हो जाने के बाद आपको निःशुल्क दवा मिलती है। साथ में भोजन के लिए भी पैसे मिलेंगे। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और इलाज की व्यवस्था है। इसलिए अगर लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं। मरीजों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। साधारण टीबी और एमडीआर टीबी दोनों में से किसी भी तरह के मरीज हों, अपनी दवाओं का नियमित सेवन करें। साधारण टीबी मरीजों की दवा छह महीने तथा एमडीआर की छह से 20 महीने तक चलती है।
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