बक्सर । जिले के सदर प्रखंड के बड़का गांव मानसिंहपट्टी स्थित बजरिया टोला के आरोग्य चिकित्सालय आयुर्वेद सेवा आश्रम में विगत 48 वर्षों से सेवा भाव से उपचार कर रहे डॉ सुरेश शर्मा आज भी निःशुल्क इलाज कर रहे हैं। वे अपने आरोग्य चिकित्सा आयुर्वेद सेवा आश्रम में वर्ष 1977 से प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से लोगों को रोगमुक्त करने का कार्य कर रहे हैं। उनके इस समर्पित सेवाभाव का असर यह है कि अब यूपी-बिहार ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों से भी मरीज उनके पास पहुंच रहे हैं। डॉ शर्मा का कहना है कि औषधियों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण आज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटती जा रही है।
वहीं, प्राकृतिक चिकित्सा शरीर के भीतर छिपी शक्ति को जाात करने का कार्य करती है। यही कारण है कि उन्होंने चालीस वर्षों से किसी भी एलोपैथिक या केमिकल युक्त दवा का प्रयोग नहीं किया, न ही मरीजों को इसके लिए प्रेरित किया। डॉ सुरेश शर्मा बताते हैं कि 1977 में मैंने यह चिकित्सालय शुरू किया था। आरंभ में कुछ लोग संदेह करते थे, लेकिन जैसे-जैसे रोगियों को लाभ मिलता गया, विश्वास बढ़ता गया। आज यह स्थिति है कि बनारस, गाजीपुर, सासाराम, आय, पटना, झारखंड, दिल्ली और कोलकाता तक से लोग इलाज कराने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह मेरा पेशा नहीं, सेवा का कार्य है। जब तक शरीर साथ देगा, निःशुल्क इलाज करता रहूंगा। प्राकृतिक चिकित्सा के अंतर्गत वे उपवास, मिट्टी उपचार, जल चिकित्सा, सूर्य स्नान, योग और संतुलित आहार पर जोर देते हैं। मरीजों को वे प्रकृति के नियमों के अनुरूप चलने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि यदि दिनचर्या और आहार में संतुलन बना लिया जाए तो 90 प्रतिशत रोग स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। उनकी यह सेवा देखकर स्थानीय लोग भी प्रेरित होते हैं और कई युवा प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मरीजों की माने तो डॉ शमां का इलाज प्रभावी ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक स्थायी राहत देने वाला होता है। यह सेवा भावना पीढ़ियों के लिए मिसाल है।
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