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बक्सर के मदन वाटिका नर्सरी में पहुँचा तीन उत्तम नस्ल के सेब का पौधा, 45 डिग्री तापमान में लगेगा कश्मीर जैसा मीठा फल,नगदी फसलों की खेती को लेकर बदला किसानों का नजरिया



बक्सर । सेब की खेती में कश्मीर व शिमला जैसे ठंडा प्रदेशों की बादशाहत कायम है।लेकिन अब बक्सर के किसान भी अपने खेतों में सेब की फसल लगा सकेंगे। सेब के पौधों का बड़ा खेप चुरामनपुर स्थित मदन वाटिका नर्सरी में उपलब्ध हो चुका है। नर्सरी के संचालक अमित माली के मुताबिक सेब के तीन नस्ल का पौधा उपलब्ध है। यह पौधा 45 डिग्री में भी फलेगा। यह कश्मीरी सेब के स्वाद को टक्कर देगा। सेब की खेती को लेकर अब किसानों का रुझान बढ़ने लगा है।


गर्म तापमान में उगेगा सेबः 

अमूमन सेब की फसल कश्मीर और शिमला जैसे ठंड प्रदेशों की मिट्टी म़े पैदा होता है। लेकिन कृषि वैज्ञानिकों ने सेब के नया नस्ल  इजाद किया है। कृषि के जानकार बताते है कि बक्सर का मौसम सेब उत्पादन के अनुकूल नहीं है। लेकिन सेब की विकसित नयी प्रजाति हरिमन 99,अन्ना गोल्ड और डोरेस गोल्डेन बिहार-यूपी के तापमान अनुरूप है।कृषि से जुड़े लोगों का कहना है कि इस प्रजाति के सेब का पौधा 45 डिग्री तापमान में भी अच्छा फल देता है।



दो साल़ों में देने लगेगा फलः

बक्सर के चुरामनपुर की मदन वाटिका नर्सरी में सेब के पौधों का बड़ा खेप पहुंचा है। नर्सरी के संचालक अमित कुमार माली ने बताया कि सेब के पौधों के खरीददार पहुंच रहे है। उन्होंने बताया कि सेब का एक पौधा की 5 फीट है।एक पौधा 250 रुपये में बिक रहा है। उनका कहना है कि सेब के पौधा में कुछ समय बाद फूल लग जाता है। लेकिन वह फूल पौधे के सेहत के लिए ठीक नहीं है। दो साल बाद पौधे में फल लगने लगता है।सेब की खेती से बक्सर के किसान आपनी माली हालत सुधार सकते है।





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