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पूर्व आईआरएस ने बिहार के भूत, भविष्य एवं वर्तमान पर की चर्चा, कहा- 2025 चुनाव में जनता को निर्णय लेना है कि लालू का जंगलराज चाहिए या एनडीए का विकास



बक्सर । जिले के चौबे के परसिया गाँव के रहनेवाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सह पूर्व आईआरएस अधिकारी बिनोद चौबे ने एक परिचर्चा के दौरान बिहार के भूत, वर्तमान और भविष्य पर अपनी विचारों को रखा है। उन्होंने कहा है कि बिहार के विकास की जब भी बात होती है तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के शासनकाल की याद आती है। उस समय पूरी तरह प्रदेश में जंगल राज था। खुलेआम लूटपाट,हत्या, बलात्कार, अपहरण, धांधली,सरकारी नौकरियों में पूरी तरह भाई-भतीजावाद ,शहर के गुंडो की सरकारी नौकरी में भर्ती, गांव के चुनिंदा लोगों के यहां सैकड़ो की संख्या में आकर लूटपाट, पोछे के कपड़े तथा कपड़े सुखाने की रस्सी तक की लूट एवं लूट के बाद गांव के बाहर राष्ट्रीय बचत पत्र का छोड़ जाना,राह चलते साइकिलों और मोटरसाइकिलों की लूट,मकान पर कब्जा और कब्जे के लिए हत्या ,पालतू जानवरों की चोरी ,स्कूल कॉलेज की पढ़ाई ठप, परीक्षा तथा सेशन का लेट होना, रोजगार धंधों का बंद हो जाना, व्यापारियों का पलायन, पढ़ाई तथा नौकरी के लिए पलायन और कई अनगिनत अपराध आम बात थी।

बिनोद चौबे ने कहा कि अगर आज के नौजवानों को इन सब बातों का ज्ञान या आभास नहीं हो तो आप अपने मां-बाप,दादा-दादी,मामा-मामी,नाना-नानी से पूछ ले और उन सारे भुक्त भोगियों से इसकी जानकारी ले सकते हैं उस समय के तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार मूक दर्शक बनकर देखती रही। बिहार की निरीह और असहाय जनता यह सब सहती रही। कानून के रखवाले इन सारे के सारे अपराधों में शामिल रहे। जब शासन बदला और भाजपा और नीतीश कुमार की एनडीए सरकार आई, तब सब कुछ रातों-रात बदलना चालू हो गया। अपराधियों की गिरफ्तारी और उन पर कानूनी शिकंजा कसने लगा। रात का सफर आसान हो गया। हत्या,लूट,अपहरण और सारे अपराधों पर लगाम लग गया।



उस समय एक ही चूक हुई कि सारे के सारे अपराधियों पर मुकदमा चलना चाहिए था तथा सजा होनी थी, लेकिन बहुत सारे छूट गए या छूटे रह गए। उपर वर्णित सारे अपराधों का केस लालू प्रसाद, उनके मंत्रियों, उनके गुंडे और उनसे संबंधित सारे सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी पर चलना चाहिए था। जान जाने की जोखिम के चलते पुलिस, प्रशासन,मंत्री,न्यायालय, जनता सब चुप रहे और उस भयावह स्थिति को मूकदर्शक बन देखते रहे।

भाजपा जदयू तथा एनडीए के नेतृत्व की सरकार के शासनकाल में आज का बिहार बिल्कुल ही अलग, विकास की ओर अग्रसर है, और आज सभी क्षेत्रों में विकास की नई गाथा लिख रहा है। भाजपा नेता बिनोद चौबे ने कहा कि निर्णय जनता को लेना है कि जंगल राज चाहिए या विकास की रफ्तार को जारी रखना है। कुछ समय पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में बिहार में जंगल राज को लेकर एक सम्मेलन हुआ जिसमें मैंने अतिथि-वक्ता के तौर पर इन सभी विषयों पर चर्चा किया और बताया कि हमे उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हम एक नया बिहार बनाएंगे।





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