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महिला संवाद में महिलाओं का दिखा उत्साह, ग्रामीण सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रहा है बक्सर का जीविका अभियान



- महिलाएं खुलकर रख रही हैं अपने सपने, सुझाव और समस्याएं
- सरकारी योजनाओं की जानकारी और अनुभवों से मिल रहा आत्मबल और प्रेरणा

बक्सर । जिले में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जीविका द्वारा संचालित ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम सामुदायिक चेतना और जागरूकता का प्रभावशाली मंच बनता जा रहा है। सोमवार को जिले के विभिन्न ग्राम संगठनों में इसका आयोजन बड़े उत्साह और जन भागीदारी के साथ किया गया। इस संवाद का उद्देश्य न केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी देना है, बल्कि महिलाओं को अपने विचार, आकांक्षाएं और समस्याएं खुलकर साझा करने का अवसर प्रदान करना भी है।

महिला संवाद कार्यक्रम 18 अप्रैल से शुरू होकर 15 जून 2025 तक जिले के सभी 925 ग्राम संगठनों में आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक दिन आठ प्रखंडों के 16 ग्राम संगठनों में सुबह 9 बजे और दोपहर 3 बजे संवाद कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। इस दौरान संवाद रथ के माध्यम से वीडियो दिखाकर विभिन्न योजनाओं, उपलब्धियों और सरकारी पहलों की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही महिलाओं को योजनाओं से संबंधित लीफलेट्स वितरित कर जागरूक भी किया जा रहा है।


कार्यक्रम की शुरुआत महिलाओं द्वारा मुख्यमंत्री के संदेश के पठन और सामूहिक पाठन से की गई, जिससे महिलाओं के बीच न केवल जागरूकता आई बल्कि उनमें आत्मविश्वास और भागीदारी की भावना भी मजबूत हुई। इस दौरान महिलाओं ने जीविका भवन, बकरी शेड, व्यक्तिगत व सामुदायिक शौचालय, वृद्धा एवं विधवा पेंशन, दिव्यांगजन के लिए योजनाएं, सड़क, बिजली और खेल मैदान जैसी आवश्यकताओं पर खुलकर चर्चा की।

इस संवाद को और प्रभावी बनाने के लिए ग्राम समुदाय के अन्य वर्गों को भी जोड़ा जा रहा है। कार्यक्रम से एक दिन पूर्व विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाता है, जिसमें महिलाओं को आमंत्रण पत्र देकर संवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाता है। इससे गांवों में कार्यक्रम को लेकर उत्साह और सहभागिता का माहौल बन रहा है।


महिला संवाद के दौरान सरकारी योजनाओं से लाभान्वित महिलाओं एवं उनके परिवारों के अनुभव भी साझा कराए जा रहे हैं। यह न केवल प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को योजनाओं से जुड़ने और उनका लाभ उठाने की दिशा में भी मार्गदर्शन कर रहे हैं। संवाद कार्यक्रम में उत्पादों की मार्केटिंग, लाइव स्टॉक प्रबंधन, दुग्ध उत्पादन, माइक्रोफाइनेंस, बैंक लिंकेज, कृषि और गैर कृषि उत्पादक समूहों के विषय पर भी विस्तार से चर्चा की जा रही है।

सतत् जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी प्रयास हो रहे हैं। महिलाओं को योजनाओं की विस्तृत जानकारी के साथ-साथ उनसे जुड़ने की प्रक्रिया भी समझाई जा रही है।

यह संवाद कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को न केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी दे रहा है, बल्कि उन्हें नेतृत्व, आत्मनिर्भरता और सामुदायिक विकास के लिए प्रेरित भी कर रहा है। उनकी सक्रिय भागीदारी यह सिद्ध कर रही है कि सही मंच मिलने पर वे समाज परिवर्तन की दिशा में अहम भूमिका निभा सकती हैं।




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