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एमवी कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी "आधुनिक जीवन में योग मनोविज्ञान की प्रासंगिकता" का हुआ समापन- mv-college-buxar-program




बक्सर । बुधवार को महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “आधुनिक जीवन में योग मनोविज्ञान की प्रासंगिकता” के अंतिम दिन, प्रधानाचार्य डॉ सुभाष चंद्र पाठक की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलन एवं स्वागत गान के साथ आरंभ हुआ। आयोजक समन्वयक एवं मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ यशवंत कुमार, एवं सहायक प्राध्यापक डॉ अशोक कुमार, डॉ सरिता देवी, डॉ सीमा कुमारी एवं डॉ अर्चना पांडे की देखरेख में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य डॉ सुभाष चंद्र पाठक ने कहा कि योग को आप अपनाएं क्योंकि स्वस्थ ही सबसे बड़ा धन है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ यशवंत कुमार ने बताया कि आज की प्रतिस्पर्धा भरी जिंदगी में छात्रों को चिंता एवं तनाव के दौर से गुजरना पड़ रहा है इससे बचने का एकमात्र उपाय योग ही है। विशिष्ट अतिथि अविनाश कुमार ने कहा कि योग सिद्धांतों और प्रथाओं के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा के तीन आयामों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। गौरव कुमार ने बताया कि योग समझने से ज्यादा करने की विधि है। योग साधने से पहले योग के बारे में जानना बहुत जरुरी है। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं में रसायन शास्त्र विभाग के  विभागाध्यक्ष डॉ भरत कुमार, हिंदी विभाग से डॉ छाया चौबे, डॉ पंकज कुमार एवं डॉ अर्चना कुमारी, दर्शन विभाग से डॉ राश बिहारी शर्मा, डॉ सोनी कुमारी, इतिहास विभाग से नवीन शंकर पाठक, राजनीति विभाग से डॉ अवधेश कुमार, डॉ निशांत कुमार, डॉ प्रिया रंजन, अर्थशास्त्र विभाग से डॉ विकास कुमार राणा एवं जंतु विज्ञान विभाग से डॉ श्वेता कुमारी आदि ने योग के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत मे हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ छाया चौबे द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इसके अलावा शिक्षकेत्तर कर्मी एवं सैकड़ो की संख्या में छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संचालन में खास तौर पर शिवम भारद्वाज एवं छात्र दीपक कुमार, अप्पू कुमार ओझा आदि की सक्रिय भागीदारी रही।














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