- परिवार मिशन अभियान को सफल बनाने के लिए बनाई गई रणनीति
- महिलाओं के बंध्याकरण के साथ पुरुषों की नसबंदी कराने पर दिया जाएगा बल
- 14 से 24 सितंबर से परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का होगा आयोजन
बक्सर | जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर जिले में एक बार फिर परिवार मिशन अभियान की शुरुआत की गई है। ताकि, लोग परिवार मिशन अभियान की महत्ता को समझते हुए परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों के प्रति जागरूक होकर इसका व्यावहारिक रूप से लाभ उठाएं। इस क्रम में सदर प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार मिशन अभियान को सफल बनाने के लिए समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए रणनीति बनाई गई। जिसमें महिलाओं के बंध्याकरण के साथ पुरुषों की नसबंदी कराने पर बल दिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि दंपति संपर्क सप्ताह के दौरान आशा कार्यकर्ताओं के स्तर से जिन लोगों की सूची बनाई गई है, उन महिलाओं का बंध्याकरण और पुरुषों की नसबंदी अभियान के दौरान अनिवार्य रूप से करानी है। ताकि, जिला स्तर से प्राप्त लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। बताया कि 14 सितंबर से परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जाना है। जो आगामी 24 सितंबर तक चलेगा। मौके पर सीडीपीओ पुष्पा रानी, प्रखंड प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह, बीईई मनोज चौधरी, बीएमईओ शशिकांत कुमार, सीएचओ श्वेता सिंह के अलावा केयर इंडिया और जीविका के प्रतिनिधि व प्रखंड की सभी एएनएम व आशा फैसिलिटेटर शामिल हुईं।
पंचायत स्तर पर भी लोगों को जागरूक कर अभियान में करें शामिल :
प्रखंड प्रबंधक सह बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि विभाग के निर्देश के तहत पंचायत स्तर पर भी लोगों को जागरूक करने के लिए गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के साथ अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर भी नियोजन मेले का आयोजन किया जाना है। इस क्रम में संबंधित चिकित्सा अधिकारी व सीएचओ अपने क्षेत्र की एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं से समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि लोगों को स्थाई और अस्थाई साधनों के इस्तेमाल को लेकर जागरूक करना है।
पंचायतवार सारथी रथ के माध्यम से लोगों को किया जाएगा जागरूक :
प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि लोगों को जागरूक करें कि अस्थाई साधनों के इस्तेमाल में किसी तरह का संकोच न करें। उन्हें बताया जाए कि स्थायी और अस्थायी साधनों से परिवार नियोजन में मदद मिलती है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इसके लिए पंचायतवार सारथी रथ का भ्रमण कराया जाएगा। सारथी रथ के माध्यम से संबंधित क्षेत्र की आशा फैसिलिटेटर प्रचार-प्रसार का काम करेंगी। इस दौरान लोगों को गर्भनिरोधक गोली, कंडोम इत्यादि सामग्री बांटी जाएगी। साथ ही, महिलाओं का बंध्याकरण व पुरुष नसबंदी से संबंधित जागरूकता संदेश फैलाया जाएगा। इन सब के अलावा नवदंपति को बताया जाएगा कि पहले और दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूर रखें।
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