(बक्सर ऑनलाइन न्यूज):- जिले के डुमराँव अनुमंडल क्षेत्र के कोरानसराय गाँव में एक शख्स अपने श्राद्ध कर्म के 30 साल बाद जिंदा वापस घर लौट आया है जिसकी चर्चा कल से इलाके में खूब चल रही है।
दरअसल, स्थानीय गाँव निवासी घनश्याम गुप्ता,पिता- स्व. रामावतार गुप्ता अपनी पत्नी मुन्नी देवी और बाल बच्चों से तीस साल पहले बिछड़ गया। उस वक्त बक्सर को जिला का मान्यता प्राप्त नही था बल्कि,भोजपुर जिला अंतर्गत ही बक्सर व डुमराँव आया करता था।
मिली जानकारी के अनुसार घनश्याम गुप्ता अपने गाँव के चौक पर ही पान की दुकान चला कर परिवार का भरण पोषण किया करते थे इसी बीच बक्सर के बस स्टैंड से वे अचानक लापता हुए जिसके बाद उस समय घर वापस नहीं लौटने पर परिजनों एवं ग्रामीणों ने घनश्याम को मृत समझ कर उनका श्राद्ध कर्म कर दिया। घनश्याम के पिता रामावतार गुप्ता का भी देहांत कुछ वर्ष बाद हो जाने से पत्नी मुन्नी देवी पर पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ काफी बढ़ गया। किसी तरह मजदूरी कर विधवा की जिंदगी जी रही महिला मुन्नी देवी ने अपने बच्चों का भरण पोषण किया।
इसी बीच गुरुवार को कोरानसराय थानाध्यक्ष जुनैद आलम को उत्तरप्रदेश के झांसी जनपद पुलिस से एक फोन कॉल आता है और पूछा जाता है कि क्या आपके थानाक्षेत्र में घनश्याम गुप्ता नामक व्यक्ति 3 दशक पहले गायब हुआ था,यदि हाँ तो वह व्यक्ति झांसी पुलिस के संरक्षण में सकुशल है। इसके बाद कोरानसराय थानाध्यक्ष जुनैद आलम ने अपने चौकीदारों एवं सूत्रों से इलाके में पता करवाया जहाँ पुलिस मुन्नी देवी तक पहुँच उसके पति के जिंदा होने की खबर सुनाती है।
वही इस खबर को सुन तीस वर्षो तक पति से बिछड़कर विधवा ज़िंदगी जीने को मजबूर मुन्नी देवी के मन प्रसन्न हुए और खुशियों से घर चहक उठा। वही मुन्नी देवी ने पुलिस को अपने पति के शरीर पर पहचान चिन्ह को बताया जिसके बाद कोरानसराय पुलिस झांसी पहुँची। जहाँ से घनश्याम गुप्ता की पहचान कर वापस बक्सर जिला के कोरानसराय गाँव लाया गया। वही श्राद्ध कर्म होने के साथ साथ तीस साल बाद जिंदा घर लौटे घनश्याम को देखने के लिए गाँव में भीड़ उमड़ पड़ी। वही ग्रामीणों ने फिर से पुरोहित पंडित को बुलाकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पति घनश्याम गुप्ता एवं पत्नी मुन्नी देवी को शादी के पवित्र रिश्ता में दोबारा बंधवाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घनश्याम गुप्ता उत्तरप्रदेश के झांसी में इतने वर्षों तक मानव तस्करों के चंगुल में फस कर बंधुआ मजदूर बने हुए थे। इस बीच जब झांसी पुलिस ने गुप्त सूचना पर मानव तस्करों के ठिकानों पर छापेमारी की तो मौके से 5 बंधुआ मजदूरों को बरामद कर उन्हें आजाद कराया गया जबकि, कुछ मानव तस्कर भी गिरफ्तार किए गए। वही घनश्याम ने अपनी पता पुलिस को बताई कि वे भोजपुर जिले के कोरानसराय के रहने वाले है जिन्हें तीस साल पहले मानव तस्करों ने पकड़ लिया था और आधे पेट भोजन देकर मजदूरी कराया जा रहा था। बहरहाल, घनश्याम के सकुशल घर वापसी पर न सिर्फ गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई है बल्कि, जिले में भी चर्चा हो रही है।
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