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आईजीआईसी में पैरा मेडिकल स्टाफ की तादाद बढ़ाने की प्रक्रिया तेज

 


12 प्रयोगशाला प्रावैधिक, 8 एक्सरे तकनीशियन और एक फार्मासिस्ट पदस्थापित 

पटना। राज्य सरकार प्रदेश के ह्रदय रोग के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान ( आईजीआईसी) को अत्याधुनिक और संसाधन संपन्न बनाने की कबायद में जुट गई है। ह्रदय रोग से संबंधित तमाम समस्याओं का इलाज एक छत के नीचे उपलब्ध कराने के उद्देश्य के तहत बेड की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों और पैरा मेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाने की प्रकिया शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थान में फार्मासिस्ट समेत 21 पैरामेडिकल स्टाफ पदस्थापित किए गए हैं। एकमात्र सरकारी ह्रदय रोग अस्पताल होने की वजह से आईजीआईसी में प्रदेशभर के साथ- साथ पड़ोसी देश नेपाल समेत झारखंड और प. बंगाल के मरीज इलाज  इलाज कराने को आते हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार विगत कई सालों से संस्थान को अपग्रेड करने का प्रयास कर रही है। 
10 मंजिला भवन बनकर तैयार 
आईजीआईसी का 10 मंजिला भवन बनकर तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 अगस्त 2020 को भवन का उद्घाटन किया था। इसके निर्माण पर करीब 60 करोड़ रुपए की लागत आई। कोरोना के कारण नवनिर्मित भवन में इलाज संबंधित कार्यों को पूरा करने में देरी हुई। कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगने के बाद बचे कार्यों को पूरा कर लिए गए। 
बेड की संख्या में इजाफा
संस्थान में बेड की क्षमता 165 है, जो मरीजों की भीड़ के आगे बहुत कम थी। इस वजह से मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नवनिर्मित भवन में बेडों की क्षमता 135 है, जिससे अब संस्थान में बेडों की संख्या बढ़कर 300 हो जाएगी, जिससे बढ़ाकर 400 से भी अधिक करने की योजना है। 
नए भवन में होंगी कई तरह की सुविधाएं
संस्थान के नए भवन में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सुविधा दोगुनी कर दी गई है। इसके अलावा दो कैथ लैब और दो मॉड्यूलर ओटी रहेंगे। नई टीएमटी मशीन, चार इको मशीन, एक टी-इको मशीन, एक सिटी एंजियो मशीन, दो आईसीयू होंगे। इसमें 30 से अधिक बेड होंगे। इमरजेंसी में 22 बेड रहेंगे। 
लाइब्रेरी और ई-लाइब्रेरी के साथ कॉन्फ्रेंस रूम भी
नए भवन में लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस हॉल, सेमिनार हॉल, बीस वीआईपी कमरे, दो वीवीआईपी कमरे रहेंगे। लेटेस्ट होल्टर जांच मशीन, पैथोलॉजी मशीन होगी। इसके साथ ही पुरानी बिल्डिंग में ओपीडी, कैफेटेरिया, पेसमेकर आदि लगाने की भी व्यवस्था की जा रही है। 
डॉक्टर से लेकर कर्मियों की संख्या बढ़ेगी 
संस्थान में मानक के हिसाब से चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या कम थी। बेडों की संख्या बढ़ने के बाद सरकार ने मानव बल की कमी को तत्काल दूर करने का फैसला किया और हाल ही में डॉक्टरों की बहाली की गई। विभिन्न जिलों में कार्यरत 12 प्रयोगशाला प्रावैधिक, 8 एक्सरे तकनीशियन और एक फार्मासिस्ट को संस्थान में पदस्थापित किया गया।







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