• कन्या शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए माताओं को दी जाती है प्रोत्साहन राशि
• सम्पूर्ण टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से करता है सुरक्षा प्रदान
(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/आरा):- कोरोना काल हो या अनलॉक दोनों स्थिति में जिले में नियमित चलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं लगातार जारी रहीं। इन्हीं सेवाओं में से एक है शिशुओं का नियमित टीकाकरण। जो जिले के सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के अलावा सभी पीएचसी पर उपलब्ध है। यदि बच्चे का समय पर संपूर्ण टीकाकरण करवा लिया जाए तो इससे गलघोटू, काली खांसी, टीबी, पोलियो, खसरा, पीलिया, नमूनीया दिमागी बुखार आदि जानलेवा बीमारियों से बच्चे को बचाया जा सकता है। नवजात बच्चे को सबसे पहले मां का गाहड़ा पीला दूध पिलाना चाहिए, क्योंकि यह शिशुओं के लिए एक प्रकार से वैक्सीन का भी काम करता है। वहीं, कन्या शिशु मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का भी संचालन किया जाता है। जिसमें अभिभावकों को दो वर्ष तक की आयु की कन्या शिशु का टीकाकरण कराने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से माताओं के खाते में 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि भेजी जाती है।
गंभीर बीमारियों से बचाता है सम्पूर्ण टीकाकरण :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया, 24 माह के अंदर के सभी बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण नहीं कराने से कई बीमारियों के होने का खतरा बना रहता हैं। इसलिए दो साल तक संपूर्ण टीकाकरण आवश्यक हैं। सम्पूर्ण टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। टीकाकरण एक प्रकिया है, जिसमें टीका के जरिए बच्चों को संक्रामक रोगों के विरुद्ध सुरक्षित किया जाता है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। उन्होंने बताया कि टीकों के साथ शिशुओं के आहार पर भी ध्यान देना चाहिए। यदि बच्चा छह महीने से कम का है, तो 6 महीने तक नियमित रूप से केवल स्तनपान कराएं। स्तनपान शिशुओं के प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में जरूरी है।
सम्पूर्ण टीकाकरण निमोनिया को करता है दूर :
बच्चे को निमोनिया व अन्य गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण जरूरी है। न्यूमोकोकल टीका (पीसीवी) निमोनिया, सेप्टिसीमिया, मैनिंजाइटिस या दिमागी बुखार आदि से बचाव करता है।
ये हैं जरूरी टीके:
• जन्म होते ही - ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी
• डेढ़ महीने बाद - ओरल पोलियो-1, पेंटावेलेंट-1, एफआईपीवी-1, पीसीवी-1, रोटा-1
• ढाई महीने बाद - ओरल पोलियो-2, पेंटावेलेंट-2, रोटा-2
• साढ़े तीन महीने बाद - ओरल पोलियो-3, पेंटावेलेंट-3, एफआईपीवी-2, रोटा-3, पीसीवी-2
• नौ से 12 माह में : मीजल्स 1, मीजल्स रुबेला 1, जेई 1, पीसीवी-बूस्टर, विटामिन ए
• 16 से 24 माह में : मीजल्स 2, मीजल्स रुबेला 2, जेई 2, बूस्टर डीपीटी, पोलियो बूस्टर, जेई 2
नि:शुल्क टीकाकरण का मिल रहा पूरा लाभ :
'मेरी बेटी छह माह की हो चुकी है। प्रसव के बाद चिकित्सकों व एएनएम दीदियों ने संपूर्ण टीकाकरण के संबंध में बताया। जिसके बाद अपनी बच्ची का मैंने नियमित रूप से टीकाकरण कराया है। सबसे बड़ी बात यह है की सभी टीके नि:शुल्क दिए जाते हैं। इससे थोड़ी आर्थिक बोझ कम हो जाता है। जो गरीब परिवार के लिए बड़ी बात होती है। मैं अपनी बेटी को उसके 2 साल के होने तक सभी टीका दिलवाऊंगी। जिसके बाद मुझे 2000 रुपये भी मिलेंगे।' - रेखा देवी, आरा
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