(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/भभुआ):- स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के साथ साथ कोरोना काल में परिवार नियोजन के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है. इस काम में आशाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. जिला में आशा दंपत्तियों को परिवार नियोजन के फायदों व अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए आवश्यक आधुनिक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करा रही हैं. आशाओं द्वारा सही उम्र में शादी, शादी के दो साल बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में तीन साल का अंतर, प्रसव या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी उपाय तथा गर्भ निरोध के स्थायी साधन में पुरुषों की भागीदारी पर चर्चा करने के साथ अस्थायी एवं स्थायी उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है.
25 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान:
राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार मिशन परिवार विकास अभियान 25 सितंबर पर आयोजित किया जायेगा जिसके तहत 12 सितंबर तक दंपत्ति संपर्क सप्ताह और 13 सितंबर से 25 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जाना है. दंपत्ति संपर्क सप्ताह के दौरान बंध्याकरण अथवा नसबंदी जैसी सेवा प्राप्त करने वाले दंपत्तियों को चिन्हित किया जा रहा है. चिन्हित दंपत्तियों को परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान ये सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी.
कोविड काल में परिवार नियोजन है सुरक्षित:
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोविड 19 महामारी के दौरान दंपतियों में यौन व्यवहार व यौन संसर्ग को ध्यान में रखते हुए उनतक परिवार नियोजन पहल से संबंधित सही सूचनाएं व सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना महत्वपूर्ण है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना काल में भी परिवार नियोजन के सभी आधुनिक गर्भनिराध के साधनों का इस्तेमाल सुरक्षित है. यदि कोई महिला गर्भधारण नहीं करना चाहती हैं तो वह अपनी पंसद के गर्भनिरोध के आधुनिक साधन का इस्तेमाल कर सकती हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पुरुषों के लिए कंडोम का इस्तेमाल गर्भधारण को रोकने और यौन संचारित रोगों जैसे एचआइवी संक्रमण की रोकथाम के लिए कारगर है. इसका इस्तेमाल दूसरी अन्य प्रकार की गर्भनिरोध के आधुनिक साधनों के इस्तेमाल के साथ किया जा सकता है.
59.7 प्रतिशत महिलाओं ने चुना आधुनिक तरीके:
परिवार नियोजन की तस्वीर बदलने में महिलाएं आगे हैं. जिला में 15 से 49 वर्ष की विवाहित महिलाओं में परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल पूर्व की तुलना में बढ़ा है. वर्ष 2019-20 की राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट-5 की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में 59.7 प्रतिशत महिलांए परिवार नियोजन के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं. जबकि एनएफएचएस-4 में यह महज 34 प्रतिशत था. वहीं 44 प्रतिशत महिलाओं ने बंध्याकरण चुना जो पूर्व में 32 प्रतिशत था. पुरुषों में कंडोम का इस्तेमाल बढ़ा है. नई रिपोर्ट में सौ में से लगभग सात लोग गर्भनिरोध के लिए कंडोम का इस्तेमाल करते हैं. जबकि पूर्व में यह 1 प्रतिशत ही था. हालांकि नसबंदी को लेकर पुरुषों में कई तरह की धारणाएं व्याप्त हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा में जागरूकता लाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं.
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