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संक्रमण काल में भी महिलाओं को पोषण के लिए जागरूक करने में लगी हैं आंगनबाड़ी सेविकाएं- aaganbadi sevikaye



(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- संक्रमण काल में छोटे- छोटे बच्चों व माताओं को कुपोषण की समस्या से बचाने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) विभाग पूरी तरह से तत्पर है। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं अपने पोषण क्षेत्र में डोर टू डोर भ्रमण कर लाभार्थी महिलाओं व शिशुओं की निगरानी में लगी हुई हैं। इसके लिए लाभार्थी महिलाओं को फोटो और कैलेंडर के माध्यम से पोषण से जुड़ी जानकारी दी जा रही है। साथ ही, जिन बच्चों में कुपोषण के प्रारंभिक लक्षण नजर आ रहे हैं, उनके स्वास्थ्य की जांच कराने की सलाह भी दी रही है। जिससे बच्चे में जरूरी पोषक तत्व की कमी पता कर उसे समय रहते दूर किया जा सकेगा।
गृह भ्रमण के दौरान दिए जा रहे है पांच सूत्री टिप्स :
राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक महेंद्र कुमार ने बताया गृह भ्रमण में महिलाओं को स्तनपान के साथ ही अनुपूरक आहार के रूप में हल्का भोजन के तौर पर दलिया, खिचड़ी, सूजी का हलवा सहित अन्य पोषक तत्व देने के लिए सेविकाओं द्वारा जागरूक किया जा रहा है। साथ ही, नवजात शिशु की माताओं को भी शिशु के छह महीने की  उम्र तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने की सलाह दी जा रही है। गृह भृमण के दौरान लोगों से मिलकर उन्हें पोषण के पांच सूत्र जैसे पहले हजार दिन, एनीमिया, डायरिया से बचाव, स्वच्छता, हाथों की सफाई और पौष्टिक आहार के बारे में गर्भवती और धातृ महिलाओं को उचित सलाह देकर जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावे बच्चों, महिलाओं व समुदाय में रहने वाले लोगों को सामान्य योगाभ्यास के लिए जागरूक करने के साथ ही किशोर- किशोरियों के साथ पोषण चर्चा की जा रही है।
पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए अनुपूरक आहार जरूरी :
महेंद्र कुमार ने बताया छह माह की उम्र पूरी करने वाले बच्चों को मां के स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार की  शुरुआत कराने के लिए जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें नवजात शिशु के जन्म से लेकर कम से कम छह महीने तक धातृ माताओं को सिर्फ और सिर्फ अपना स्तनपान की जानकारी दी जाती है। छह महीने के बाद ही शिशु को मां के स्तनपान के साथ ही अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए अनुपूरक आहार की आवश्यकता होती है। इसके लिए सभी धातृ माताओं को अपने स्तनपान के साथ ही शिशु को अनुपूरक आहार के रूप में हल्का खाना जैसे दलिया, खिचड़ी, खीर, सूजी का हलवा सहित अन्य खाद्य पदार्थ खिलाना चाहिए।
संक्रमण से बचने के लिए किया जा रहा जागरूक : 
आईसीडीएड की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (डीपीओ) तरणि कुमारी ने बताया कोरोनकाल में सेविकाओं की भूमिका बढ़ गयी है। फ्रंट लाइन वर्कर्स होने के कारण समाज मे लोगों को पोषण के साथ साथ कोरोना वायरस के प्रति भी लोगों को जागरूक करने में लगी हुई हैं। चाहे वह कोविड- 19 के नियम का पालन कराना हो या कोरोना के टीके के लिए लोगों को प्रेरित करना, हर मोड़ पर सेविकाएं डटी हुई हैं। उन्होंने बताया गृह भ्रमण के दौरान कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोगों व लाभार्थी महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है।



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