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लोयोला स्कूल में 'उड़ान' कार्यक्रम का आयोजन, बच्चों ने बनाए विज्ञान मॉडल, बच्चों के प्रायोगिक ज्ञान को मिला प्रोत्साहन- buxar-bihar



बक्सर । नगर के पांडेय पट्टी स्थित लोयोला स्कूल में आयोजित 'उड़ान' कार्यक्रम के तहत छात्रों को प्रायोगिक शिक्षा दी गई, जिसमें कक्षा 1 से लेकर 8 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने विज्ञान और अन्य विषयों से जुड़े मॉडल बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. विद्यालय की प्राचार्य समीक्षा तिवारी ने बताया कि 'उड़ान' कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायता करना है.


प्रायोगिक शिक्षा पर जोर :

प्राचार्या समीक्षा तिवारी के अनुसार, इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव भी दिया जाता है. उन्होंने बताया कि स्कूल द्वारा समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि बच्चे न केवल विषयों को समझें, बल्कि उन्हें व्यवहारिक रूप से भी लागू कर सकें. इस बार के कार्यक्रम में छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया और विभिन्न विषयों पर अपने मॉडल प्रस्तुत किए.



बच्चों के उत्कृष्ट मॉडल्स : 

कार्यक्रम के अंत में विभिन्न वर्गों के छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल्स का मूल्यांकन किया गया. इनमें से कुछ मॉडल्स को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया.

कंडक्टिविटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी – कनीनिका कुमारी (वर्ग 8)

मैकेनिज्म ऑफ ब्रीदिंग – आर्या पाठक (वर्ग 7)

प्रेजेंस ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड इन ब्रेथ – पूर्वा कुमारी (वर्ग 7)

सोलर सिस्टम मॉडल – प्रिंस कुमार (वर्ग 6)

मैग्नेटिक स्विंग प्रोजेक्ट – अंकित कुमार (वर्ग 6)

ऑटोमेटिक स्विंग प्रोजेक्ट – अरिकेत पाठक (वर्ग 3)

मॉडल ऑफ रोड सिग्नल – कक्षा 2 के सभी विद्यार्थियों द्वारा संयुक्त रूप से

स्वरों का ज्ञान करने वाला चार्ट – सूर्यांश कुमार (कक्षा 1)

पार्ट्स ऑफ प्लांट्स मॉडल – अनुष्का कुमारी (कक्षा 1)

विंडमिल प्रोजेक्ट मॉडल – कुलप्रीत पाठक (केजी)

मैथ्स टीएलएम – देव कुमार (केजी)


शिक्षकों की भागीदारी और मार्गदर्शन :

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के विभिन्न विषयों के शिक्षक और अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे. शिक्षकों ने बच्चों को मॉडल निर्माण में सहायता की और उनके प्रोजेक्ट्स का मार्गदर्शन किया. शिक्षकों ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.

छात्रों में उत्साह और सीखने की ललक :

इस कार्यक्रम से छात्रों में वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा मिला. छात्रों ने बड़ी मेहनत से अपने मॉडल तैयार किए और उन्हें कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया. कई छात्रों ने पहली बार इस प्रकार के प्रोजेक्ट में भाग लिया और इससे उन्हें नई चीजें सीखने का अवसर मिला.

लोयोला स्कूल का यह प्रयास छात्रों को शिक्षा के नए आयामों से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भविष्य में छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे आगे भी विज्ञान और अन्य विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे.







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