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बच्चे राष्ट्र के भविष्य और विकसित व आत्मनिर्भर भारत के आधार है- वर्षा पान्डेय- varsha-pandey




बक्सर । राष्ट्र निर्माण के लिए बच्चों का विकास अनिवार्य है. बच्चों को अच्छे अवसर, सही दिशा, शिक्षा, सुरक्षा और प्यार मिलना बेहद जरूरी है. ये विचार समाजसेविका वर्षा पांडेय ने गगौरा गाँव में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए, जहां बच्चों को पाठ्य सामग्री भी वितरित की गई. वर्षा पांडेय ने कहा कि देश के भविष्य के रूप में बच्चों का समग्र विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.


उन्होंने कहा कि सरकार ने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए मिड डे मील, मुफ्त शिक्षा और छात्रवृत्ति जैसी योजनाएं शुरु की हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी बहुत कार्य बाकी है. बच्चों को बाल व्यापार, बाल विवाह, यौन दुर्व्यवहार, बाल श्रम, शिक्षा की कमी, कुपोषण और स्वास्थ्य समस्याओं से बचाना आवश्यक है ताकि वे स्वस्थ और सुरक्षित जीवन व्यतीत कर सकें.

वर्षा पांडेय ने जोर देते हुए कहा कि सभी बच्चों में अद्वितीय प्रतिभाएं होती हैं, जिन्हें पहचानने और विकसित करने की आवश्यकता है. इन प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर हम देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकते हैं. उन्होंने बच्चों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने के महत्व पर भी बल दिया. उनके अनुसार, बच्चों में संस्कार और नैतिकता का बीजारोपण करके हम एक सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं.



समाजसेविका वर्षा पांडेय ने कहा कि बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने और अच्छे संस्कार देने का संकल्प हमें लेना चाहिए. इससे उनके चरित्र निर्माण के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा मिलेगा. कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों और उनके अभिभावकों ने वर्षा पांडेय के विचारों को सराहा और बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों की सराहना की.





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