Ad Code


बच्चों और परिवार की सुरक्षा में कवच का काम करता है नियमित टीकाकरण : डीआईओ




- जिले में सफल साबित हो रहा है नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने का प्रयास 
- हर घर दस्तक के तहत जरूरी टीकों से वंचित लाभुकों को किया जा रहा चिन्हित

(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- सुरक्षित मातृत्व व नवजात की सुरक्षा के लिहाज से नियमित टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है। किसी महिला के गर्भकाल शुरू होने के साथ ही टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जो जच्चा व बच्चा दोनों की सुरक्षा का आधार है। प्रसव काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को टेटनस के दो टीके लगाना अनिवार्य है। वहीं संस्थागत प्रसव तुरंत बाद नवजात को बीसीजी, हेपेटाइटिस बी व जीरो डोज का टीका लगाया जाता है। इसके बाद बच्चे के दो साल की आयु पूरी होने तक निर्धारित समय पर अलग-अलग टीकों की निर्धारित डोज दी जाती है। टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क है। किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इसका लाभ उठाया जा सकता है। कोरोना काल में जिले में नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई। जिसको दूर करने को लेकर किया जा रहा है। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में हर घर दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से जरूरी टीकों से वंचित लाभुकों को चिन्हित किया जा रहा है।
नियमित टीकाकरण पर अब लोगों को भी है भरोसा :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, जिले में नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने का प्रयास सफल साबित हो रहा है। जो फ्रंटलाइन वर्कर्स की बदौलत ही संभव हो सका है। आज आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित होने वाले नियमित टीकाकरण शिविर में किसी को बुलाना नहीं पड़ता है। बस सूचना मात्र से लाभुक शिविर में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। अब लोगों को भी भरोसा हो गया है कि नियमित टीकाकरण बच्चों और परिवार की सुरक्षा में कवच का काम करता है। उन्होंने बताया, शिशुओं को संपूर्ण टीकाकरण करा कर हम अपने समुदाय के सबसे जोखिम ग्रस्त सदस्य को दर्जनों जानलेवा बीमारियों से संपूर्ण सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। इसलिये टीकाकरण की प्रकिया बेहद महत्वपूर्ण है। आम लोगों को भी इकसे प्रति जागरूक होने की जरूरत है। ताकि जिले में नवजात मृत्यु दर के मामलों पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सके।
नवजात को लगाया जाते हैं अलग-अलग टीके :
डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, नवजात को निर्धारित समयाविधि के अंदर कई चरणों में महत्वपूर्ण बीमारियों से बचाव के लिये जरूरी टीका लगाया जाता है। संस्थागत प्रसव के तत्काल बाद बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, जीरो डोज का टीका लगाया जाता है। वहीं जन्म के 42 दिन बाद एफआईपीबी-1 का टीका इसके 28 दिन बाद ओपीडी-01, रोटा-02, पेंटा-02 का टीका लगाया जाता है। फिर इसके 28 दिन बाद ओपीडी-03, रोटा-03, एमआईपीबी-02, पीसीबी-02, व पेंटा-03 का टीका जन्म के नौ महीने बाद एमआरआई, जेई-01, पीसीबी बूस्टर डोज का टीका देने के बाद पूर्ण टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी होती है। जन्म के 16 से 24 माह के बीच ओपीवी बूस्टर, डीपीटी-01 बूस्टर, एमआर-02, जेई-02 का टीका लगाये जाने के बाद संपूर्ण टीकाकरण की पूर्ण समझा जाता है। इस दौरान जन्म के नौ-नौ महीने के अंतराल पर बच्चों को दो बार विटामीन ए का टीका लगाया जाता है।


................. ................. ............... ..............
Send us news at: buxaronlinenews@gmail.com

ख़बरें भेजें और हम पहुंचाएंगे, 
आपकी खबर को सही जगह तक.... 






 



Post a Comment

0 Comments

Close Menu