(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- अन्य खबरों से हटकर एक ऐसा खबर आपको बताने जा रहे है जो किसी हिंदी फिल्म की कहानी से कम नही। मामला बक्सर जिला के डुमराँव अनुमंडल के कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के कठार गाँव का है जहाँ कृष्णप्रकाश उर्फ लकड़ सिंह नामक व्यक्ति की 20 साल बाद अपने पैतृक गांव में वापसी हुई है। लकड़ सिंह कठार गाँव के दक्षिण टोला निवासी स्व. राजगृह सिंह के पुत्र और तेजू सिंह के भाई बताए जाते है। ग्रामीण इनका उम्र 50 वर्ष बता रहे है।
स्थानीय ग्रामीण जितेंद्र सिंह,बबन सिंह,श्रीभगवान सिंह,खलीफा सिंह,रितेश कुमार ने बताया कि आज से लगभग 20-21 वर्ष पहले लकड़ सिंह गाँव से अचानक लापता हो गए थे काफी खोजबीन के बाद भी कही इनका पता नहीं चला तो परिजन भी समझ गए कि कही किसी फैक्ट्री में काम कर रहे होंगे। लेकिन, दिन महीना के साथ साथ दो दशक बीतते चला गया और लकड़ सिंह का लापता ही रहे।
वही बीते दिन लापता लकड सिंह अचानक टुंडीगंज स्टेशन पर ट्रेन से उतर कर अपने गाँव कठार की ओर जाते देखे गए। बाद में जब वे सही सलामत गाँव पहुँचे तो परिजनों में खुशी का कोई ठिकाना नहीं रह गया। 20 साल बाद गाँव वापसी की चर्चा गाँव में तेजी से फैल गई और लापता हुए लकड सिंह को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान गाँव के लोगों ने उनका अंगवस्त्र से पगड़ी बांध कर स्वागत भी किया।
ग्रामीणों के मुताबिक लकड सिंह के पास से अम्बाला (हरियाणा) से बक्सर का रेल टिकट प्राप्त हुआ है। पूछने पर उन्होंने गाँव वालों को बताया कि उन्हें कैद कर के खटाल में रख कर 20 सालों से मवेशियों की रखवाली करवाई जा रही थी। इस बीच उन्हें वहा पर टार्चर भी किया जाता था। हालांकि, लकड सिंह के दिमाग में अभी भी दबंगों का खौफ बना हुआ है जिसको लेकर वे ज्यादा कुछ बताने से डर रहे है। बहरहाल, इनसभी चीजों के बावजूद लकड सिंह को जीवित देखकर उनके परिजनों एवं ग्रामीणों में हर्ष का माहौल बना हुआ है।
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