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वायरल बुखार के लक्षणों को पहचान कर करें समुचित प्रबंधन- district viral





(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़/आरा):- जिले में वायरल बुखार से ग्रसित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. इन मरीजों में ज्यादातर छोटे बच्चे की संख्या देखी जा रही है. इस अनजान वायरल बुखार से बच्चों के ग्रसित होने से पूरा स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है. तापमान में उतार चढ़ाव के कारण बच्चों के बीमार पड़ने की खबर सभी प्रखंडों से आ रही है. स्वास्थ्य विभाग सभी आवश्यक तैयारी कर इस वायरल बुखार से निपटने हेतु संकल्पित है. सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बेड के साथ आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है.  
बच्चों के लिए बनाया गया स्पेशल वार्ड:
सिविल सर्जन डॉ. ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया, बच्चों में किसी भी प्रकार के बुखार संबंधी जटिलताओं के लक्षण की पहचान कर उसका ससमय प्रबंधन बच्चों को सुरक्षित रखने में सहायक होता है. सदर अस्पताल में वायरल बुखार से ग्रसित बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है. इस वार्ड में बच्चों के लिए बेड सुरक्षित किये जा रहे हैं. इसके अलावा भी ऐसे बुखार से ग्रसित बच्चों के तत्कार उपचार की व्यवस्था अस्पताल में की गयी है. सिविल सर्जन ने बताया सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारीयों को वायरल बुखार से ग्रसित बच्चों के उपचार हेतु आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं. 
खतरे के संकेतों की पहचान जरुरी:
सिविल सर्जन ने बताया बच्चों को तेज बुखार, बदन में सुस्ती का अनुभव, सांस लेने में परेशानी अथवा सांस बहुत तेज चलना, लगातार सर्दी का बना रहना और सांस लेने में आवाज सुनाई दे तो ये वायरल बुखार के लक्षण हो सकते हैं. बुखार से ग्रसित होने पर गले में दर्द रहना और मूंह में छालों की भी समस्या देखी जा रही है. इन लक्षणों के नजर आते ही त्वरित चिकित्सीय प्रबंधन की जरुरत होती है इसलिए लक्षणों को समझना और उनकी पहचान कर तुरंत उपचार कराना जरुरी होता है. किसी भी बीमारी के लक्षण पहचानकर समय पर उपचार जरूरी है. अगर थोड़े समय में पांच से छह बार दस्त या उल्टी होने पर तुरंत ही डाक्टर को दिखाएं. घर पर ओआरएस का घोल व तरल पदार्थ देते रहें लेकिन इससे लाभ न होने पर लापरवाही न करें. बच्चा सुस्त रहे व आंख न खोले,पेट की चमड़ी में ढीलापन आए तो यह डिहाइड्रेशन के संकेत होते हैं.
इन बातों का रखें ख्याल
घर के बाहर तेज धूप या तेज बारिश में जाने से बचाएं
पानी उबालकर पिलाएं
फास्ट फूड व जंक फूड खाने से बचाएं
सड़े गले या अधिक पके फल न खिलाएं
हमेशा घर का बना ताजा व तरल भोजन ही खिलाएं
बच्चे को पानी की कमी न होने दें



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