(बक्सर ऑनलाइन न्यूज़):- जिले में एक से 30 सितम्बर तक चलने वाले राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पूरे जिले में कई पोषण संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी संदर्भ में गुरुवार को जिला मुख्यालय परिसर में पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत हुई। जिलास्तरीय इस पोषण परामर्श केंद्र का उद्घटान एडीएम प्रितेश्वर प्रसाद ने किया। इस दौरान डीपीओ तरणि कुमारी, राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक महेंद्र कुमार, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के जिला समन्वयक चंदन कुमार, पोषण अभियान के राकेश कुमार, महिला पर्यवेक्षिका मालती देवी और रेणु प्रभा के अलावा सेविकाएं मौजूद रहीं।
अतिकुपोषित बच्चों की पहचान और उचित देखभाल से सुपोषण संभव:
एडीएम प्रितेश्वर प्रसाद ने उपस्थित सेविकाओं और लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, बच्चों में पोषण स्तर को बढ़ाने के लिए अतिकुपोषित बच्चों की पहचान करना आवश्यक है। इससे उन्हें ससमय पोषण पुनर्वास केंद्र भेज कर और उनके अभिभावकों को पोषण के बारे में जागरूक कर कुपोषण के गंभीर प्रभाव से बचाया जा सकता है।
एनीमिया मुक्ति और स्वच्छता पर भी दिया जाएगा बल :
डीपीओ तरणि कुमारी ने कहा, जब सामुदायिक पोषण स्तर बढ़ेगा, तभी जिले की महिलाओं गरभवतियों और बच्चों को एनीमिया संकट से मुक्ति मिल पाना संभव हो सकेगा। जिसके लिए अच्छे पोषण के साथ स्वच्छता भी आवश्यक है। जब गांव के हर घर में शौचालय हो और खुले में कोई भी शौच करने के लिए नहीं जाए। घर में पकाई जाने वाली चीजों को अच्छी तरह धोया जाए। बच्चों को खाना खिलाने से पहले व शौच के बाद साबुन से हाथ धोना सिखलाया जाए।
पूरे माह घर घर होगी सुपोषण की बात :
जिला समन्वयक महेंद्र कुमार ने बताया, इस वर्ष पोषण माह की थीम "कुपोषण छोड़ पोषण की ओर, थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर" है। इसलिए पारंपरिक भोजन में छुपे पोषक तत्वों की जानकारी पर बल देकर आम जनों में पोषण के प्रति नजरियामें बदलाव लाने के मद्देनजर पूरे पोषण माह के दौरान पोषण संबन्धित गतिविधियों और परामर्श कार्यों को प्रमुखता दी गई है। साथ ही, पोषण परामर्श केंद्र की मदद से माता-पिता अपने शिशुओं के बेहतर पोषाहार व बच्चों में कुपोषण की स्थिति की जानकारी भी दी जाएगी।
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